देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर : सीएम
शिक्षण कार्य पेशा नहीं बल्कि एक पवित्र नैतिक कर्तव्य
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से युवा कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परख शिक्षा मिलेगी। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। इससे शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 को लागू किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को शिमला बाईपास रामगढ़ में जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल का शुभारम्भ किया। देश में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले जीडी गोयन्का पब्लिक स्कूल समूह के विद्यालय से उत्तराखण्ड को जोड़ने के लिए स्कूल के संस्थापक कुलानन्द नौटियाल को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा है कि यह संस्थान भविष्य में सफलता के नवीन आयाम स्थापित करेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा मात्र नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है, एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है, इसीलिए हमारे यहां शिक्षक और बच्चों के बीच प्रोफेशनल रिश्ता नहीं होता, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है तथा यह संबंध जीवन भर का होता है। हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और हमारे समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, जीडी गोयनका समूह के एमडी निपुन गोयनका, संस्थापक कुलानन्द नौटियाल, शिक्षकगण, अभिभावक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।