इंटरपोल से मेहुल चोकसी को राहत पर टिप्पणी
प्रत्यर्पण पर नहीं पड़ेगा फर्क
नई दिल्ली, एजेंसी। पीएनबी में 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाला मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी को इंटरपोल से राहत मिलने के बाद सीबीआई ने बयान जारी किया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि इंटरपोल की फाइलों के नियंत्रण के लिए आयोग (सीसीएफ) से मेहुल के खिलाफ रेड नोटिस बहाल करने को कहा है। इंटरपोल ने सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ही साल 2018 में चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इस फैसले के खिलाफ 2020 में उसकी अपील खारिज कर दी गई थी।
सीबीआई ने कहा कि साल 2022 में अपने कथित अपहरण के प्रयास के बाद मेहुल ने सीसीएफ से संपर्क किया। सीबीआई ने कहा कि मेहुल ने सीसीएफ से संपर्क कर रेड कॉर्नर नोटिस हटाने का अनुरोध किया था। चोकसी की याचिका पर ही अंतरराष्ट्रीय संगठन ने ये फैसला लिया है।
सीबीआई ने आगे बताया कि सीसीएफ एक इंटरपोल के भीतर अलग निकाय है और ये इंटरपोल सचिवालय के नियंत्रण में नहीं है।
मुख्य रूप से इसे विभिन्न देशों के वकीलों द्वारा नियुक्त किया जाता है। सीसीएफ ने चोकसी के अनुरोध का अध्ययन और सीबीआई से परामर्श किया था। सीसीएफ ने मेहुल चोकसी के आवेदन को खारिज कर दिया और फिर इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया था।
सीबीआई ने आगे बताया कि इंटरपोल ने सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर दिसंबर 2018 में वांटेड आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था। बता दें कि रेड नोटिस जारी होने से पहले ही मेहुल का पता लगा लिया गया था और उसके प्रत्यर्पण के लिए कदम भी उठाए गए थे। हालांकि, रेड नोटिस का प्राथमिक उद्देश्य पहले ही हासिल कर लिया गया था। सीबीआई ने कहा कि वह इस फैसले को लेकर अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है। एजेंसी ने कहा कि मेहुल की प्रत्यर्पण की कोशिशों पर इससे फर्क नहीं पड़ेगा।