उत्तराखंड

आयुक्त ने गन्ने को लाल सड़न से बचाने की दी जानकारी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

 

काशीपुर। गन्ना आयुक्त हंसा दत्त पांडे ने गन्ने को लाल सड़न रोग से बचाने के संबंध में बैठक की। उन्होंने इस रोग से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही।
बताया कि राज्य में गन्ना करीब 86 फीसदी क्षेत्रफल में 238 किस्म का गन्ना उगाया जाता है। जिसमें से करीब 0़10 फीसदी गन्ना लाल सड़न रोग से प्रभावित है। फफूंदी जनित गन्ने का यह रोग अत्यन्त हानिकारक है। इसे गन्ने का र्केसर भी कहा जाता है। यह रोग उपज एवं चीनी परता को प्रभावित करता है। इससे प्रभावित गन्ने के अगोले की 3-4 पत्तियां पीले रंग की हो जाती हैं। गन्ना फाड़ने पर अन्दर से लाल निकलता है। इसमें एल्कोहल जैसी गंध आती है। बताया कि यह बीमारी वर्षा काल के समय अधिक फैल सकती है। क्योंकि यह रोग गन्ने में बीज के माध्यम से फैलता है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लाल सड़न रोग का प्रभाव 20 फीसदी से अधिक है वहां गन्ने की तत्काल कटाई कर दी जाये। प्रभावित खेतों की गहरी जुताई कर गन्ने के ठूंठों को जलाकर नष्ट किया जाना चाहिए। साथ ही जिन खेतों में यह बीमारी पाई जाती है उनमें आगामी एक दो सालों तक गन्ने की खेती न करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!