कोटद्वार-पौड़ी

सरकारी भूमि से अतिक्रमण न हटाने पर समिति ने जताया रोष

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त न करने पर उत्तराखंड विकास समिति ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि हाईकोर्ट ने प्रशासन को सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त करावाने के आदेश दिए हैं। बकायदा इस संबंध में शिकायती ऐप भी बनाया गया है। बावजूद सरकारी सिस्टम अतिक्रमण को लेकर लापरवाह बना हुआ है।
गुरुवार को सदस्यों ने तहसील में पहुंचकर उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। समिति के अध्यक्ष जानकी बल्लभ मैंदोला व वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल के नेतृत्व में समिति के सदस्य तहसील परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। जानकी बल्लभ मैंदोला ने कहा कि वर्तमान में लोगों ने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रखा है। प्रदेश की महिला शक्ति भी सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार आंदोलनरत है। कोटद्वार स्थित भोटिया पड़ाव में तीन मंजिला भवन, शौचालय, टंकी व दुकानों का निर्माण हो चुका है। इसके अलावा सैकड़ो हैक्टेयर वन भूमि पर भी बड़ी मात्रा में अतिक्रमण हो रखा है। प्रशासन भी अतिक्रमण को नजर अंदाज करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि लैंसडौन वन प्रभाग का कहना है कि सिद्धबली मंदिर ग्रास्टनगंज से सटे पूर्व उत्तर का जंगल व भूमि पर अतिक्रमण का उल्लेख नहीं है। विभाग को सैकड़ों हैक्टेयर वन भूमि का पता ही नहीं है। जिसे लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है। राजस्व विभाग का कहना है कि सनेह पट्टी से ग्रास्टनगंज तक पंचायत वन अथवा राजस्व वन नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सरकारी जमीन, जंगलों में हो रखे अतिक्रमण की जांच करवाने की मांग की है। ज्ञापन सौपने वालों में विपुल उनियाल, जेएस नेगी, शशिमोहन उनियाल, दुर्गा प्रसाद मौजूद रहे।

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