उत्तराखंड में भौगोलिक आधार पर विधानसभाओं का परिसीमन

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देहरादून। हिमालय क्रांति पार्टी, समाजवादी पार्टी और उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों की प्रेस क्लब में आयोजित विचार गोष्ठी में विधानसभाओं का परिसीमन भौगिलिक आधार करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही गैरसैण को राज्य की स्थायी राजधानी बनाने की मांग की गई। गोष्ठी में उत्तराखंड निर्माण से संबंधित कौशिक समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम चंद जोशी ने कहा कि समिति ने राज्य निर्माण को लेकर गहनता से अध्ययन किया। उस वक्त के आठ पर्वतीय जिलों को जोड़कर नये राज्य के गठन का प्रस्ताव रखा, यदि राज्य निर्माण के वक्त कौशिक समिति की संस्तुतियों को पूर्ण रूप से लागू किया होता तो राज्य आज विकसित प्रदेश होता और जो समस्याएं आज राज्य के सामने खड़ी न होती। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ सत्य नारायण सचान ने कहा कि राज्य निर्माण के समय कौशिक समिति को नजर अंदाज करना, उत्तराखंड निर्माण के लिए हुए जनमत संग्रह का अपमान है। समिति के जनमत संग्रह में 51 प्रतिशत से अधिक लोगों ने गैरसैण को राजधानी बनाने के लिए सहमति दी थी, लेकिन बीजेपी की सरकार ने राजधानी के मुद्दे को लटकाकर न सिर्फ जनमत की अवहेलना की, बल्कि राज्य को एक नई समस्या दे दी है। सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ प्रेम बहुखंडी ने भौगोलिक आधार पर विधानसभा सीटों के परिसीमन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को राज्य की सत्ता में अपना प्रतिनिधित्व मिल पाए। वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण के समय जिस तरह एक व्यक्ति और एक पार्टी को श्रेय देने की होड़ लगी थी, उसी समय जनता के संघर्ष और बलिदान को नजरअंदाज करने की शरुआत हो गई थी और नवोदित राज्य प्रशासनिक तंत्र के जाल में फंस गया और आज तक फंसा हुआ है। इस मौके पर डॉ वीरेंद्र पैन्यूली हरीश चंद तिवारी, हिमालय क्रांति पार्टी के संकर दत्त सती, जिलाध्यक्ष पूजा चमोली, वसंत पांडे, योगेंद्र यादव, अतुल शर्मा आदि मौजूद रहे।

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