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खटीमा और लालकुंआ में मुकाबला दिलचस्प, लेकिन इन हाट सीटों पर भी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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देहरादून । उत्तराखंड में 10 मार्च यानी गुरुवार को नेताओं की किस्घ्मत का पिटारा खुल जाएगा। ईवीएम और पोस्घ्टल बैलेट में बंद नतीजे सबके सामने आ जाएंगे। सुबह सात बजे से मतगणना शुरू होगी और आखिरी मत की गिनती तक जारी रहेगी।
राज्य में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 632 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। चुनाव में कई नए चेहरे निर्दलीय प्रत्घ्याशी के रूप में उतरे हैं तो कुछ अपनी परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाल कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
खटीमा सीट: ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट की सबसे दो हाट सीट में शामिल है, क्योंकि यहां से उत्घ्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में है। वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस के प्रत्घ्याशी भुवन कापड़ी चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 के विस चुनावों में धामी ने भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था। पुष्घ्कर धामी को 29,539 वोट मिले थे और भुवन कापड़ी को 26830 वोट मिले थे। खटीमा सीट का परिणाम का इंतजार उत्तराखंडवासी ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों को है। सीएम की सीट होने के कारण इस सीट पर सबकी नजर है। खटीमा वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी की परंपरागत सीट है। यहां से वह दो बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई स्टार प्रचारकों ने यहां रैली व जनसभाएं कीं। वहीं प्रियंका गांधी ने भुवन कापड़ी के पक्ष में खटीमा में जनसभा की थी।
लालकुंआ सीट : नैनीताल जिले की लालकुंआ विधानसभा सभा सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत मैदान में हैं। हरीश रावत चुनाव से पहले ही सोशल मीडिया पर अपनी बयानबाजी से हलचल मचाए हुए हैं। पहले हरीश रावत को रामनगर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था। बगावत होने पर उन्होंने लालकुआं सीट चुनी, यहां पर पूर्व में आवंटित संध्या डालाकोटी ने बगावत कर दी। हरीश रावत ने उन्हें मनाने के खूब जतन किए, लेकिन वो नहीं मानीं और निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर हरीश रावत के खिलाफ भाजपा से डा़ मोहन सिंह बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं इससे पूर्व चुनाव में हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों सीट से हार गए थे। इसलिए भी हरीश रावत पर लोगों की दिलचस्घ्पी ज्घ्यादा है।
हरिद्वार सीट : हरिद्वार विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ भी कहा जा सकता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं। इस सीट से मदन कौशिक लगातार चार बार जीते हैं।
हरिद्वार ग्रामीण सीट : हरिद्वार ग्रामीण सीट से कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद चुनावी मैदान में हैं। यतीश्वरानंद भाजपा प्रत्याशी के तौर पर तीसरी बार मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने पहले दर्शनलाल शर्मा और फिर युनुस अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यहां से भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को शिकस्त दी थी। इसलिए इस सीट पर भी मुकाबल दिलचस्घ्प होगा।

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