पटना में विपक्षी दलों की बैठक पर आमने-सामने कांग्रेस और ममता, अधीर रंजन चौधरी ने एकजुटता को बताया शादी समारोह
कोलकाता, एजेंसी। भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर लड़ने की रणनीति पर पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की हुई बैठक के बाद आपस में ही घमासान मचा है। कांग्रेस व बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इसको लेकर आमने-सामने है। बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष व लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विपक्षी एकता की बैठक पर तंज कसते हुए इसे एक भव्य शादी समारोह की तरह बताया है।
चौधरी ने कहा कि बैठक में कांग्रेस नेताओं को शिष्टाचारवश शामिल होना पड़ा। दूसरी तरफ, राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कूचबिहार में एक रैली में निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा, कांग्रेस व माकपा सब मिले हुए हैं। कांग्रेस व माकपा को आड़े हाथों लेते हुए ममता ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ एक बड़ा विपक्षी गठबंधन बनाने की कोशिशों के बाद भी उनकी हरकतें रूकावट पैदा कर रही है। हालांकि ममता ने स्पष्ट कहा कि हम केंद्र में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाएंगे, लेकिन बंगाल में तीनों दलों के अपवित्र गठजोड़ को तोड़कर रहेंगे।
इससे पहले ममता के खिलाफ लगातार हमलावर अधीर रंजन चौधरी ने विपक्षी बैठक पर पत्रकारों के सवाल पर कहा- अगर मुझे किसी शादी समारोह में आमंत्रित किया जाता है, भले ही निमंत्रण किसी दुश्मन की ओर से हो, तो मैं अक्सर शिष्टाचारवश उसमें शामिल होने के लिए मजबूर हो जाता हूं। वहीं, ममता के दावे पर अधीर ने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल की विश्वसनीयता हमेशा सवालों के घेरे में रही है। उन्होंने कहा- हम सभी जानते हैं कि 2011 में ममता के सत्ता में आने के बाद से राज्य में भाजपा शक्तिशाली हुई है। माकपा ने भी अधीर के सुर में सुर मिलाते हुए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया।
इधर, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अधीर, जो हमेशा कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच किसी भी तरह के समझौते के खिलाफ मुखर रहे हैं, अपनी पार्टी आलाकमान को यह संकेत भेजने की कोशिश कर रहे हैं कि बंगाल में कांग्रेस नेतृत्व के लिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।