कांग्रेस के कायाकल्प की कवायद, महासचिव पद से हटाए गए आजाद, कई राज्यों में प्रभारी बदले
नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस पार्टी के कायाकल्प की कवायद शुरू हो गई है। इस क्रम में पार्टी ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से हटा दिया है। इसके साथ ही कई राज्यों में प्रभारी भी बदले गए हैं। सूत्रों के अनुसार, फेरबदल की इस नई कवायद में राहुल गांधी की टीम के नेताओं को खास जगह दी गई है।
बहरहाल, जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद के साथ साथ चार अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी महासचिव पद से हटा दिया। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया गया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के अनुसार आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से हटाया गया है। बता दें कि आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने संगठनात्मक बदलाव को लेकर बीते दिनों पत्र लिखा था। हालांकि गुलाम नबी आजाद को कार्य समिति में जगह दी गई है।
चीन के साथ पहले जैसी स्थिति बहाल करने पर हो बात, बाकी सभी वार्ताएं बेकार : राहुल
नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर वे ज्यादा मुखर हैं। शुक्रवार को एक बार फिर उन्होंने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने चीन के साथ स्थिति बहाली के अलावा सभी वार्ताओं को बेकार करार दिया है।राहुल गांधी ने ट्टीट किया कहा, श्चीन के साथ केवल मार्च 2020 में जैसी स्थिति थी वैसी स्थिति की बहाली को लेकर बात होनी चाहिए। प्रधानमंत्री और भारत सरकार चीन को बाहर खदेड़ने की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर रहे हैं। बाकी सभी वार्ताएं बेकार हैं।इससे पहले एक और ट्वीट में उन्होंने सवाल किया था कि आखिर कब सरकार चीन से अपनी जमीन वापस लेने की योजना बना रही है। राहुल ने कहा, चीनियों ने हमारी जमीन ले ली है। आखिर कब भारत सरकार इसे वापस पाने की योजना बना रही है? या ये भी एक भगवान का अधिनियम (एक्ट अफ गड) बनने वाला है?