कांग्रेस में कलह के बीच गुलाम नबी आजाद बोले- राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प बनने के लिए लीडरशिप को करवाना होगा चुनाव

Spread the love

नई दिल्ली, एजेंसी। बिहार चुनाव के साथ तमाम राज्यों के उपचुनाव में कड़ी शिकस्त के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा है कि पिछले 72 सालों में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है। यहां तक कि कांग्रेस के पिछले दो कार्यकाल के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद भी नहीं है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने लद्दाख में हिल काउंसिल चुनाव में 9 सीटें जीतीं, जबकि हम इस तरह के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहे थे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक हम हर स्तर पर अपने कामकाज के तरीकों को नहीं बदलेंगे, चीजें नहीं बदलेंगी। नेतृत्व को पार्टी कार्यकर्ताओं को एक प्रोग्राम देने और पदों के लिए चुनाव कराने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे लोगों का ब्लक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम खघ्त्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं कोरोना महामारी के कारण गांधी को क्लीन चिट दे रहा हूं क्योंकि वे अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। हमारी मांगों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वे हमारी अधिकांश मांगों के लिए सहमत हो गए हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि वे राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो हमारे नेतृत्व को चुनाव करना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी का ढांचा ढह गया है। हमें अपनी संरचना के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है और फिर यदि कोई नेता उस संरचना में चुना जाता है तो यह काम करेगा। लेकिन सिर्फ यह कह देना की नेता बदलने से हम बिहार जीत लेंगे, यूपी, एमपी आदि गलत है। जब हम सिस्टम को बदलेंगे तब ऐसा होगा।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने उन पर हमला कर रहे पार्टी नेताओं को जवाब देते हुए कहा है कि वह कार्यकर्ताओं की आवाज उठा रहे है। कपिल सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी डेढ़ साल पहले यह कह चुके हैं कि वे अब कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उन्होंने यह भी कहा था कि वह नहीं चाहते कि गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति अध्यक्ष बने। इसको डेढ़ साल हो गया है, क्या कोई राष्ट्रीय पार्टी बिना अध्यक्ष के काम कर सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *