उत्तराखंड

सिटिंग जज की देखरेख में हो मामले की जांच रू कांग्रेस

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हल्द्वानी। कांग्रेस ने वनभूलपुरा उपद्रव की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में कराए जाने की मांग की है। साथ ही पूरे प्रकरण में प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की विफलता पर सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को नैनीताल रोड स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता की गई। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पत्थरबाजी और पेट्रोल बम के हमले में घायल पुलिसकर्मियों, निगम कर्मचारियों, मीडियाकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त कर घटना की निंदा की। माहरा ने कहा कि ठीक से देखा जाए तो उपद्रव प्रशासन की लापरवाही का नमूना है। कहा कि उन्हें सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में कराई जानी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आमतौर पर धार्मिक स्थलों में किसी भी तरह की कार्रवाई को वहां के लोगों के संज्ञान में लाया जाता है, लेकिन वनभूलपुरा में मदरसे और धार्मिक स्थल ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अचानक कर दी गई। बिना तैयारी के प्रशासनिक अफसरों ने सैकड़ों पुलिसकर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों की जान खतरे में डाल दी। माहरा ने उपद्रव को लेकर डीएम वंदना सिंह के बयान पर भी सवाल उठाए। साथ ही नगर निगम के एक बड़े अफसर की रवैये की भी निंदा की। कहा कि वे हमेशा भड़काऊ बयान देते दिखाई देते हैं। माहरा ने कहा कि बाहरी लोगों के माध्यम से उपद्रव भड़काने का काम किए जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। विधायक हल्द्वानी सुमित हृदयेश ने कहा कि धार्मिक स्थल मामले की सुनवाई जब 14 फरवरी को होनी थी तो अधिकारियों को ध्वस्तीकरण की क्या जल्दबाजी थी। कहा कि उपद्रव में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने घायलों का इलाज और उन्हें मुआवजा देने की मांग की। यहां कांग्रेस जिलाध्यक्ष राहुल छिम्वाल, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष गोविंद बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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