कनेक्टिविटी न होने से पीएफएमएस प्रणाली से बढ़ी दिक्कतें
संवाददाता, नई टिहरी। सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों में भुगतान के लिए पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) प्रणाली तो शुरू कर दी है। लेकिन इसके लिए मूलभूत सुविधाएं न होने से पंचायत प्रतिनिधियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। गांवों में कनेक्टिविटी की समस्या से लेकर कंप्यूटर सिस्टम और प्रतिनिधियों को आईटी का व्यवहारिक प्रशिक्षण न दिए जाने से यह प्रक्रिया भुगतान प्रणाली को सरलीकरण करने के बजाए जटिल कर रही है। जुलाई 2019 से पंचायतों को मिली धनराशि अभी तक खर्च नहीं हो पाई है। पीएफएमएस को लेकर टिहरी विधायक डा धन सिंह नेगी ने सीएम को पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्किंग सुविधायें बहाल होने तक मैनुअल भुगतान की मांग की है। सरकार त्रिस्तरीय पंचायतों को हाईटेक करने की बात कर रही है। इसके तहत अभी ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में राज्य वित्त से लेकर अब 15 वें वित्त आयोग के बजट से होने वाले निर्माण कार्यो से लेकर अन्य भुगतान ऑनलाइन करने के आदेश करीब एक साल पहले लिए थे। सरकार ने पंचायतों का भारत सरकार के पोर्टल पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) प्रणाली को शुरू किया है। लेकिन पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविट, ब्रांडबैंड, वाई-फाई समेत कंम्यूटर टेक्नोलॉजी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिले के नौ ब्लॉकों से लेकर ग्राम पंचायतों के एक बाद भी पीएफएसएम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाए है। जिसके चलते जुलाई 2019 से लेकर फरवरी 2020 तक जिले में गांवों के विकास के लिए जारी हुए करीब छह करोड़ की धनराशि खर्च नहीं हो पाई है। साथ ही ग्राम प्रधान से लेकर ब्लॉक प्रमुखों के पास कंप्यूटर, ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है। पीएफएमएस पोर्टल भुगतान के लिए ग्राम पंचायतस्तर पर ग्राम पंचायत अधिकारी मेकर, प्रधान चेकर, ब्लॉक में बीडीओ मेकर, प्रमुख चेकर और जिला पंचायत में एएनए मेकर और जिला पंचायत अध्यक्ष चेकर है। मेकर के पोर्टल पर भुगतान अपलोड करने के बाद चेकर की आईडी पर जनरेट होगा। तब चेकर अपनी आईडी से चेक करके भुगतान कर सकेंगे। ऐसे में बिना प्रशिक्षण और सुविधाओं के यह व्यवस्था लागू करना अव्यवहारिक ही है। टिहरी विधायक धन सिंह नेगी ने सीएम को पत्र भेजकर पीएफएमएस के लिए दक्ष स्टॉफ और कनेक्टिविटी की व्यवस्था न होने तक भुगतान प्रक्रिया को मैनुअल प्रणाली से करने की मांग की। बताया कि भुगतान की प्रक्रिया जटिल और पंचायतों के पास संसाधन होने के कारण एक लंबे समय से निर्माण कार्यो के भुगतान नहीं हो रहे है। ऐसे में तब तक पंचायतों में सुविधाएं और पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारी हासिल नहीं कर पाते हैं, तब तक पूर्व की भांति भुगतान किए जाने चाहिए। डीपीआरओ आरएस असवाल का कहना है कि सरकार के निर्देश पर भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से ही होने है। इसके लिए कर्मियों को जानकारी दी जा रही है। प्रतापनगर ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला, जाखणीधार सुनीता देवी, चंबा शिवानी बिष्ट, भिलंगना बसुमति घणाता, देवप्रयाग सूरज पाठक, नरेंद्रनगर राजेंद्र भंडारी, प्रधान चंद्रशेखर पैन्यूली, प्रियंका व्यास, राहुल राणा, दिनेश जोशी आदि का कहना है कि पीएफएमएस सिस्टम के लिए प्रतिनिधियों की कार्यशालाएं आयोजित कर उन्हें इसकी बारीकी समझाई जाए। अधिकांश प्रधानों को चेकर और मेकर का भी पता नहीं है। ऐसे में ग्राम पंचायतों सहित ब्लॉक और जिला पंचायतों में पिछले एक साल से विभिन्न मदों में मिली धनराशि खर्च नहीं हो पाई है।