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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दो साल के भीतर 21 बाघ बढ़े

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नैनीताल। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में दो साल के भीतर 21 बाघ बढ़ गए हैं। इस साल हुई गणना में बाघों की संख्या 252 पहुंच गई, जबकि 2018 में हुई गणना में 231 बाघ रिकॉर्ड किए गए थे। बाघों की संख्या में लगातार होती बढ़ोत्तरी से साफ है कि कॉर्बेट में बाघों का संरक्षण बेहतर ढंग से किया जा रहा है।बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या और घनत्व के लिहाज से देशभर के सभी 50 टाइगर रिजर्व में पहले स्थान पर है। कॉर्बेट में बाघों के आहार में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2018 में बाघों की गणना हुई थी। एनटीसीए ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 231 बाघ दर्शाए हैं, इनमें एक से दो वर्ष के शावक शामिल नहीं है। जबकि लैंडस्कैप के बाघों को जोड़ा जाए तो बाघों की संख्या 266 हैं। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में चौथे चरण की गणना दिसंबर-जनवरी में हुईं, जिसमें 252 बाघ दर्ज किए गए। 252 बाघों की संख्या के बारे में बृहस्पतिवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकारी दी और बुक लेट जारी की। सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि वर्तमान गणना में कॉर्बेट नेशनल पार्क 143 व कालागढ़ टाइगर रिजर्व में 109 बाघ रिकॉर्ड हुए हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क में 69 बाघिन, 48 बाघ और 26 बाघ ऐसे रिकॉर्ड हुए हैं, जिनके मेल या फीमेल होने का पता नहीं है। ऐसे ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व में 50 बाघिन, 43 बाघ और 16 बाघ ऐसे रिकॉर्ड हुए, जिनके मेल या फीमेल होने का पता नहीं है। इस तरह पूरे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 119 बाघिन, 91 बाघ, बिना पहचान वाले 41 बाघ हैं, कुल 252 बाघों की संख्या कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं।

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