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कोरोना में लाभकारी है औषधीय गुण से भरपूर कंडाली टी

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
कंडाली को पहचान दिलाने के लिए काम कर रहे द्वारीखाल ब्लॉक के सुनील दत्त कोठारी का कहना है कि औषधीय गुणों से भरपूर कंडाली चाय कोरोना में लाभकारी है। कंडाली चाय के सेवन से बहुत से बीमारियों से बचा सकता है।
ब्लॉक द्वारीखाल चेलूसैंण के सुनील दत्त कोठारी का प्रयास कंडाली को वनस्पति भूमि के रूप में पहचान दिलाने का है, वह इसके लिए वर्ष 2016 से लगातार प्रयास कर रहे हैं। कंडाली एक औषधीय पौधे के रूप में कार्य करती है, आज कोविड-19 वैश्विक बीमारी के दौर में सेवन चाय के रूप में अति महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें अनेक प्रकार के तत्व मौजूद हैं, जिनसे शरीर को पूर्ति के साथ-साथ अनेक प्रकार से शरीर को बीमारियां होने से बचाता है। सुनील दत्त कोठारी ने बताया कि शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोरोना ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य संक्रामक रोगों का शिकार हो जाने की संभावनाएं बनी रहती हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों का सहारा लिया जाना चाहिए। साथ ही साथ भोजन प्रणाली में उचित सुधार करके एक डाइट चार्ट अवश्य बनाना चाहिए, ताकि कुछ चीजें उसमें छूट ना सके। इसके साथ एक्सरसाइज योगा एवं आध्यात्मिक चिंतन भी करना चाहिए। कंडाली बिच्छू बूटी की चाय भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अगर देखा जाए तो करोना कि दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है, जिसमें कई लोग संक्रमण की संभावना बनी हुई है। जिससे किसी भी देश की जान और माल दोनों की नुकसान होने की प्रबल संभावनाएं बनी रहती हैं। अत: इस महामारी के समय में आयुर्वेदिक पर पदार्थों का उपयोग एवं पत्तियों की उबालने की प्रक्रिया चाय के रूप में प्रसिद्ध रही है। बिच्छू बूटी यानि कंडाली के इतिहास पर प्रकाश डालते कोठारी बताते हैं उत्तराखंड में पाए जाने वाली यह औषधीय पौधा बहुत ही गुण युक्त एवं महत्वपूर्ण है। कंडाली में लौह तत्व अत्यधिक होता है खून की कमी पूरी करती है। इसके अलावा फोरमिक ऐसिड, एसटिल कोलाइट, विटामिन ए भी कंडाली में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें चंडी तत्व भी पाया जाता है। गैस नाशक है आसानी से हज्म होती है। कंडाली का खानपान पीलिया, पांडू, उदार रोग, खांसी, जुकाम, बलगम,गठिया रोग, चर्बी कम करने में सहायक है।

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