रेलवे पर कहर बनकर टूटा है कोरोना, अब तक जा चुकी है करीब दो हजार कर्मचारियों की जान
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस महामारी ने देश में पिछले साल से तबाही मचा रखी है। पिछले कुछ हफ्ते और अधिक खतरनाक रहे हैं, क्योंकि महामारी की दूसरी लहर अभी तक कई लोगों की जान ले चुकी है। साथ ही रोजाना तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। महामारी ने भारतीय रेलवे को भी काफी प्रभावित किया है। संक्रमण की शुरुआत के बाद से अब तक तकरीबन दो हजार रेलवे के कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने सोमवार को बताया कि पिछले साल जब से महामारी की शुरुआत हुई है, तब से अब तक 1952 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। साथ ही रोजाना हजार कोरोना संक्रमण के मामले भी विभाग में सामने आ रहे हैं।
सुनीत शर्मा ने सोमवार को प्रेस कन्फ्रेंस करते हुए कहा, श्श्रेलवे किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से अलग नहीं है। हम भी कोरोना की वजह से प्रभावित हुए हैं। हम ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हैं। हमें एक जगह से दूसरी जगह तक लोग या फिर माल ले जाना पड़ता है। तकरीबन हजार मामले रोजान सामने आ रहे हैं। हमारे पास अपने अस्पताल हैं। हमारे पास काफी बेड्स भी हैं और हमारे पास अपना अक्सीजन प्लांट है। हम अपने स्टाफ की केयर कर रहे हैं।श्श् उन्होंने आगे बताया कि अभी तक स्टाफ और उनके परिवार द्वारा तकरीबन चार हजार बेड्स भरे हैं। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वे सभी जल्द से जल्द रिकवर हों। कल तक, पिछले साल मार्च से अभी तक कोरोना वायरस की वजह से 1952 लोगों की मौत हो चुकी है।
मालूम हो कि भारतीय रेलवे में तकरीबन 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं और यह दुनिया में कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी संस्था है। पिछले हफ्ते रेलवे के अल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में कोरोनो वायरस संकट के दौरान काम करने वाले रेलकर्मियों के निधन पर फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह ही मुआवजा देने की मांग की थी। पत्र में उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाएं। पत्र में, अल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि जहां एक लाख से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं, 65,000 लोग रिकवर हैं और अपने काम में फिर से शामिल हो गए हैं। वहीं, शर्मा ने कहा कि रेलवे सभी रेलकर्मियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित था और उनके जोखिम को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।