स्किल डेवपलेपमेंट से होगा देश का विकास-डा़क कलाइसेल्वी
देहरादून। नई शिक्षा नीति में किए गए स्किल डेवलेपमेंट के प्रावधान से देश के विकास का नई दिशा मिलेगी। वहीं रोजगार बढ़ाने के लिए सिद्घांत और व्यवहार का अंतर पाटना भी जरूरी है। ये बात सीएसआईआर की महानिदेशक डा़ नल्लाथंबी कलाइसेल्वी ने दून विश्वविद्यालय में रयल सोसाइटी अफ कैमिस्ट्री के सहयोग से आयोजित शोधार्थी संवाद कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि कहा कि शिक्षण संस्थानों को ये सुनिश्चित करना होगा कि वे स्नातक तैयार करें, जो न केवल शैक्षणिक रूप से कुशल हों बल्कि गतिशील और प्रतिस्पर्धी बाजार में जब करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों। शिक्षा और उद्योग के बीच यह एकीकरण अधिक समग्र और प्रासंगिक शिक्षा प्रणाली के लिए एनईपी 2020 के दृष्टिकोण का एक प्रमुख पहलू है। शैक्षणिक-उद्योग संबंध प्रौद्योगिकी पार्कों और उद्यमिता कार्यक्रमों के निर्माण की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। कहा कि नवाचार की संस्ति को बढ़ावा दे सकते हैं और स्टार्ट-अप और नए व्यवसायों के विकास का समर्थन कर सकते हैं। उद्योगों के साथ सहयोग उद्योग की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम को डिजाइन और अद्यतन करने में मदद करता है।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 शिक्षा की गुणवत्ता और प्रासंगिकता को बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में शैक्षणिक और औद्योगिक संबंधों के महत्व पर जोर देती है। शैक्षणिक संस्थाओं को औद्योगिक संबंध बनाने की जरूरत है। ताकि छात्र अपने सैद्घांतिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया में लागू करने, व्यावहारिक अनुभव और कौशल प्राप्त करने के अवसर मिल सकते हैं। जो उनके भविष्य और करियर के लिए अमूल्य हैं।
कार्यक्रम में आईआईपी के निदेशक प्रो़ हरेंद्र सिंह बिष्ट और सीबीआरआई के निदेशक प्रो प्रदीप कुमार ने भी अपने विचार रखे। जबकि इस दौरान फिजिकल साइंस स्कूल के डीन ड़ अरुण कुमार,कुलसचिव ड एमएस मंद्रवाल, प्रो आरपी ममगाईं, प्रो एसएस सुथार, प्रो रीना सिंह, प्रो राजेश कुमार, प्रो गजेंद्र सिंह, ड चेतना पोखरियाल, ड चारू द्विवेदी, ड सुनीत नैथानी व ड हिमानी शर्मा आदि उपस्थित थे।