सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त, खेतों में बर्बाद हो रही फसल
रिखणीखाल की ग्राम पंचायत कोटड़ी की चौफुल-कतेड़ागाड की नहर है क्षतिग्रस्त
ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी नहर मरम्मत की सुध नहीं ले रहा सरकारी सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड रिखणीखाल क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटड़ी की चौंफुल कतेड़ागाड़ से बनी तीन किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर पिछले कई माह से क्षतिग्रस्त पड़ हुई है। शिकायत के बाद भी सरकारी विभाग नहर मरम्मत की सुध नहीं ले रहा। खेतों पर सिंचाई का पानी नहीं पहुंचने के कारण काश्तकारों की फसल बर्बाद हो रही है।
गांव के लिए कांडा नाला की मंदाल नदी से सिंचाई की व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन, पिछले कई माह से उक्त नहर क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। कांडा नाला की सम्पूर्ण नहर पर मलबा भरने से व जगह-जगह रिसाव के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। वहीं कोटड़ी में नहर का लगभग पन्द्रह मीटर तक हिस्सा धंसकर जमींदोज हो गया है। विगत दो माह पूर्व मलबा ढहने से नहर भी चपेट में आ गई थी, जिससे सिंचाई हेतु लोगों ने प्लास्टिक पाइप लगवाकर जुगाड़ किया, लेकिन वह भी टूट गया। अब गेहूं की बुवाई का दौर शुरू हो रहा है ऐसे में खेतों में पानी देकर हल से केशनलियां तोड़कर बुवाई के लायक बनाया जाता है। काश्तकार वीरेंद्र्र सिंह, रवींद्र रावत सतेंद्र पटवाल आदि का कहना है कि जब तक नहर का काम शुरू होता है तब तक के लिए पुन: छ: इंच का पाइप लगाकर जुगाड़ किया जाता है, तो कुछ हद तक काम चलाया जाएगा। उक्त प्रकरण पर क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को काश्तकारों की समस्या से अवगत करवाया गया है। विभाग ने जल्द ही समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया है।