गंगा पहुची खतरे के निशान के पार
अलर्ट पर रहे सिंचाई विभाग के अधिकारी
हरिद्वार। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार वर्षा से हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। शनिवार को गंगा का जलस्तर 294.35 रिकॉर्ड किया गया। पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ा है। यूपी सिंचाई विभाग के आला अधिकारी भीमगोडा बैराज पर गंगा के जलस्तर पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। गंगा के बढ़े जलस्तर के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। सभी बाढ़ चौकियों से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। यूपी सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार रात से ही सिंचाई विभाग के अधिकारी गंगा के जल पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2013 के बाद इस बार सबसे ज्यादा गंगाजल में बढ़ोतरी देखी गई है। 2013 में पांच लाख बीस हजार क्यूसेक जल आया था। इसके बाद 2021 में गंगा में तीन लाख 75 हजार जल की बढ़ोतरी देखी गई है। जल स्तर बढ़ने के बाद कानपुर तक अलर्ट कर दिया गया है। सभी नहर के गेट सिल्ट आने की वजह से बंद कर दिए गए हैं और बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ और सिचाई विभाग की टीम अलर्ट पर है। शनिवार को दिन भर बारिश होने से धर्मनगरी में जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। दिन भर चली बारिश के चलते कई स्थानों पर जलभराव भी हुआ। भगत सिंह चौक के समीप रेल पुलिया के नीचे बरसाती पानी भरने से भेल, सिडकुल जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुरानी सब्जी मण्डी, विष्णु घाट, मोती बाजार आदि इलाकों में बरसाती पानी के साथ बहकर आयी सिल्ट की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ज्वालापुर के कटहरा बाजार, गुरूद्वारा रोड़, रेलवे फाटक, चौक बाजार, जटवाड़ा पुल क्षेत्र में भी जलभराव हुआ। इसके अलावा कनखल के कई इलाकों बैरागी कैंप आदि में भारी जलभराव हुआ।