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सीआरपीएफ सिपाही ने 13 साल में की पांच शादियां, फूटा भांडा तो अब नौकरी पर लटकी तलवार

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उफ ढा, एजेंसी: देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ में एक अनूठा मामला सामने आया है। सिपाही/जीडी हरेंद्र राम ने एक-दो नहीं, बल्कि पांच शादियां कर डालीं। खास बात है कि बल को यह बात मालूम नहीं चली। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सिपाही पांचवीं शादी कर चुका था। उसकी चौथी पत्नी को कहीं से यह मालूम हुआ कि सिपाही हरेंद्र ने तो दूसरी जगह शादी कर ली है। इसके बाद उसने यह भी पता लगा लिया कि हरेंद्र ने तो पांच शादियां की हैं। सभी पत्नियां जीवित हैं। तब जाकर उसने सीआरपीएफ की 9वीं बटालियन को विस्तृत शिकायत की। सीआरपीएफ ने इस मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए। जांच रिपोर्ट पेश कर दी गई है। बताया जा रहा है कि सिपाही हरेंद्र की नौकरी पर तलवार लटक गई है। ये मामला हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13, सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1964 21 (2) एवं सीआरपीएफ अधिनियम 1949 की धारा 11 (1) के साथ पठित सीआरपीएफ नियमावली, 1955 के नियम 27 के अधीन दंडनीय अपराध है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारी ने सिपाही/जीडी हरेंद्र राम के मामले की जांच रिपोर्ट बल मुख्यालय को सौंपी है। सिपाही 9वीं बटालियन में तैनात है। विभागीय जांच में आरोपी को भी 17 फरवरी 2023 को अपनी बात रखने का मौका दिया गया था। आरोपी ने तय समय पर अपनी बात रखी। इस केस की जांच पड़ताल के दौरान कई लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सिपाही हरेंद्र राम पर आरोप है कि उसने ड्यूटी पर रहते हुए सीआरपीएफ अधिनियम, 1949 की धारा 11 (1) के साथ पठित सीआरपीएफ नियमावली, 1955 के नियम (15) के अधीन बल का सदस्य/केंद्रीय कर्मचारी होने की हैसियत से आदेशों की अवज्ञा/कदाचार किया है।
सिपाही ने अपनी पहली पत्नी के जीवित होते हुए एक से अधिक विवाह किए हैं। उसने पांचवीं शादी 29 नवंबर 2021 को निशा कुमारी के साथ की है। इसकी जानकारी विभाग को नहीं दी गई है। नियमानुसार, उसने विभाग से इस बाबत कोई अनुमति भी नहीं ली है। पूर्व पत्नी के जीवित होते हुए और बिना किसी कानूनी प्रावधानों का पालन किए, एक से ज्यादा विवाह कर लिए, ये हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13, सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1964 21 (2) एवं सीआरपीएफ अधिनियम 1949 की धारा 11 (1) के साथ पठित सीआरपीएफ नियमावली, 1955 के नियम 27 के अधीन दंडनीय अपराध है। साथ ही यहकदम सीआरपीएफ के अच्छे अनुशासन के विपरित है।
सिपाही हरेंद्र राम पहले तीन शादी कर चुका था। सीआरपीएफ को इसकी भनक नहीं लग सकी। चौथी शादी का मामला भी छिप गया। इसके बाद पांचवीं शादी हो गई। सीआरपीएफ सिपाही की पहली शादी 20 मई 2008 को रिंकी कुमारी के साथ हुई थी। इसके बाद दूसरा विवाह कविता कुमारी के साथ 16 मई 2010 को संपन्न हुआ। अभी तक हुए दो विवाह का भेद बरकरार रहा। किसी को खबर नहीं लगी। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। शादियों का यह सिलसिला आगे भी जारी रहा। सिपाही हरेंद्र ने 19 अगस्त 2014 को अनिता कुमारी के साथ तीसरी शादी कर ली। इसके तीन साल बाद खुशबु कुमारी के साथ 8 मई 2017 को चौथी शादी हो गई। सीआरपीएफ को इस शादी के बारे में भी कोई सूचना नहीं मिली। हरेंद्र ने 30 नवंबर 2011 को निशा कुमारी के साथ पांचवीं शादी कर ली। यह सारा मामला चौथी शादी के दौरान खुला। खुशबु कुमारी को जब सिपाही की हकीकत पता चली तो उसने 9वीं बटालियन को पत्र लिख दिया। उसमें सिपाही हरेंद्र द्वारा की गई सभी शादियों का उल्लेख किया गया था।
इसके बाद सीआरपीएफ ने इस मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए। मामला अदालत तक भी पहुंच गया। सिपाही ने अपनी शादियों के दौरान जो अवकाश लिया था, उसका विवरण निकाला गया। अवकाश से गैर हाजिर होने का भी रिकॉर्ड मंगाया गया। पांचवें विवाह तथा न्यायालय में पेशी की तारीख से मामले की कड़ियां जुड़ गईं। कुटुम्ब न्यायालय भोजपुर, आरा ने भी रिंकी कुमारी से तलाक मामले में एक आदेश दिया था। 24 अक्तूबर 2013 के कोर्ट दस्तावेजों में कहा गया कि सिपाही हरेंद्र राम और रिंकी कुमारी का मामला सामने आया था। उसमें कहा गया कि आरोपी ने अपनी पहली पत्नी रिंकी कुमारी के जीवित रहते हुए दूसरा विवाह कविता कुमारी के साथ किया था। इस मामले में बल के सूत्रों का कहना है, यह एक गंभीर मामला है। चूंकि हरेंद्र की सभी पत्नी जीवित हैं और उसने बल को इस मामले में कोई सूचना नहीं दी है। ऐसे में संभव है कि आरोपी सिपाही की नौकरी पर तलवार लटक जाए। इस तरह के केसों में बल द्वारा सख्त कार्रवाई की जाती है।

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