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सीवीसी की चेतावनी: अचल संपत्ति छिपाने वाले आईएएस-आईपीएस को लगेगा झटका, केंद्र में खास पद के लिए नहीं मिलेगी मंजूरी

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नई दिल्ली, एजेंसी। वार्षिक अचल संपत्ति रिटर्न (एआईपीआर) को लेकर आईएएस व आईपीएस सहित दूसरी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को केंद्रीय सतर्कता आयोग श्सीवीसीश् ने चेताया है। आयोग का कहना है कि अगर ये अधिकारी तय समय पर अपनी एआईपीआर जमा नहीं कराते हैं तो उन्हें भारत सरकार में वरिष्ठ पदों के पैनल यानी श्एंपैनलमेंटश् में शामिल होने के लिए सीवीसी की मंजूरी नहीं मिलेगी। चूंकि सतर्कता मंजूरी के लिए एआईपीआर को समय पर दाखिल करना एक अनिवार्य पूर्व शर्त है, इसलिए भारत सरकार के सभी मंत्रालयों व विभागों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि वे सभी अधिकारी, जिनके लिए आयोग से सतर्कता इनपुट मांगा गया है, उनकी एआईपीआर तय समय पर जमा हो जाए।
अखिल भारतीय सेवा के सभी अधिकारियों को हर साल 31 जनवरी तक एआईपीआर जमा करानी होती है। देखने में आया है कि बहुत से अधिकारी निर्धारित तिथि पर एआईपीआर जमा नहीं कराते। इससे दिक्कत यह होती है कि अगर ऐसे किसी अधिकारी का नाम भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की सूची में शामिल करने के लिए सीवीसी के पास भेजा जाता है तो संबंधित अधिकारी की एआईपीआर नहीं मिलती। इससे सीवीसी, डीओपीटी और संबंधित मंत्रालय या विभाग के साथ पत्राचार शुरू होता है। इस प्रक्रिया के चलते बाकी अधिकारियों की मनोनयन श्एंपैनलमेंटश् सूची जारी होने में भी देरी हो जाती है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग डीओपीटी द्वारा 27़09़2011 को इस संबंध में कार्यालय ज्ञापन संख्या 1101211/2007-एस्टेब्लिशमेंट ए, जारी किया गया था। उसमें लिखा है कि केंद्रीय सिविल सेवाध्पदों पर कार्यरत सदस्यों को, वार्षिक अचल संपत्ति विवरणी जमा करानी अनिवार्य है। अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें सीवीसी की मंजूरी नहीं मिलेगी। अब गत सप्ताह सीवीसी ने दोबारा से आदेश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि सभी अधिकारियों को तय समय सीमा के भीतर एआईपीआर जमा करानी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें सतर्कता मंजूरी से वंचित कर दिया जाएगा। उन्हें भारत सरकार में वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए पैनल में शामिल करने पर विचार नहीं होगा।
सीवीसी, एक अधिकारी को सतर्कता मंजूरी देने से इनकार कर सकता है, यदि वह पिछले वर्ष की अपनी वार्षिक अचल संपत्ति रिटर्न अगले वर्ष की 31 जनवरी तक जमा करने में विफल रहता है। एआईएस (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16(2) के अनुसार, अधिकारियों को प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक संपत्ति विवरणी प्रस्तुत करनी होगी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो लोग यह रिपोर्ट जमा करने में विफल रहते हैं, उन्हें सतर्कता मंजूरी से वंचित कर दिया जाएगा। सतर्कता मंजूरी प्रदान करने के लिए समय पर एआईपीआर दाखिल करना एक अनिवार्य पूर्व शर्त है। अब तक, आयोग सतर्कता मंजूरी के प्रस्तावों पर विचार करते हुए एआईपीआर दाखिल करने के बारे में जानकारी एकत्र नहीं कर रहा था।

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इस आशय की जांच संबंधित मंत्रालयध्विभागध्संगठन पर छोड़ दी गई थी। हालांकि, आयोग द्वारा प्राप्त कुछ प्रस्तावों में संबंधित अधिकारियों द्वारा एआईपीआर दाखिल करने की जानकारी होती है। उनकी सीवीसी रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय सतर्कता स्थिति के लिए कुछ अहम इनपुट को ध्यान में रखा जाता है। भविष्य में, संबंधित अधिकारी द्वारा संपत्ति विवरणी को समय पर दाखिल करने की पुष्टि या इस संबंध में विचलन, मामलों के प्रसंस्करण में देरी से बचने के लिए आयोग, सतर्कता मंजूरी की मांग करने वाले प्रस्तावों के कवरिंग लेटर पर भी दर्ज कर सकता है।

 

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