आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट से टकराया चक्रवाती तूफान, पांच मछुआरे समुद्र में गिरे
नई दिल्ली, एजेंसी। आंध्र प्रदेश और ओड़िशा के तटीय इलाकों से चक्रवाती तूफान गुलाब टकरा गया है। आंध्र प्रदेश में चक्रवात तूफान के दस्तक देते ही श्रीकाकुलम में भारी बारिश शुरू हो गई है। साथ ही तेज हवाएं भी चल रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा तूफान से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। आइएमडी ने ताजा जानकारी दी है कि ओडिशा के भुवनेश्वर में भी चक्रवाती तूफान गुलाब के टकराने की प्रक्रिया रविवार शाम से शुरू हो गई है और यह करीब तीन घंटे तक जारी रह सकती है। इस प्रणाली ने आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच के भूभाग को प्रभावित किया है। आइएमडी द्वारा चक्रवात की चेतावनी और उत्तर आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए जारी की गईं हैं।
चक्रवाती तूफान के चलते आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के पांच मटुआरे आज शाम समुद्र में गिर गए। ये सभी मटुआरे मंडासा तट पर लौट रहे थे की तभी तेज लहरें आईं और उनकी नाव पलट गई, जिसके चलते वे सभी समुद्र में गिर गए। पुलिस और अन्य अधिकारी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह जानकारी वज्रपुकोट्टुरु के सब इंस्पेक्टर गोविंदराव ने दी है।
इसके पहले चक्रवात तूफान से उत्पन्न स्थिति की जानकारी के लिए लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से बात की थी। पीएम ने ट्वीट कर कहा था कि केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। मैं सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।वहीं, ओडिशा सरकार ने बचाव दल को संवेदनशील इलाकों में भेजा है। इसके साथ ही लोगों को निचले इलाकों से निकालने के लिए आदेश जारी किया है। ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स की 42 टीमों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 24 दस्तों को दमकल कर्मियों के साथ सात जिलों- गजपति, गंजम, रायगडा, कोरापुट, मलकानगिरी, नबरंरपुर और कंधमाल में भेजा गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान से गंजम के गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका है और अकेले उस क्षेत्र में 15 बचाव दल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 11 अग्निशमन इकाइयां, छह टीमें और छक्त्थ् की आठ टीमें आपातकालीन उद्देश्यों के लिए रिजर्व में रखी गई हैं।गजपति और कोरापुट के जिला प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों की 25 और 26 सितंबर को छुट्टियां रद कर दी हैं। कलेक्टरों ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने-अपने मुख्यालय पर डटे रहने का निर्देश दिया है।