नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं का डेरा, राहगीर बन रहे हैं हादसे का शिकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नजीबाबाद-बुआखाल नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं ने डेरा डाला हुआ है। दिन-रात पशुओं को बैठे देखा जा सकता है। यह पशु हादसों को तो न्यौता दे ही रहे हैं, साथ ही लोगों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं। शहर के लोगों का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
कोटद्वार की सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार है। सबसे ज्यादा पशु बदरीनाथ मार्ग, मालगोदाम रोड, देवी रोड, नजीबाबाद रोड, गाड़ीघाट पुल सहित अन्य मार्गों पर जगह-जगह आवारा पशुओं की भरमार देखी जा सकती है। इसके अलावा शहर की कॉलोनियों में दिन भर आवारा पशु घूमते रहते है। जो कई बार छोटे बच्चों को चोटिल कर देते है। साथ ही फसल को भी नुकसान पहुंचाते है। वहीं गलियों में खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचा देते हैं। बाजार में आवारा पशु फल और सब्जियों की दुकानों में भी नुकसान पहुंचाते है। पशुओं के स्वच्छंद विचरण से आवागमन बाधित होने के साथ राहगीरों को आने-जाने में जानवरों का भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। नगर के चौक-चौराहों व गलियों में आवारा पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है। शहरवासी रविंद्र नेगी का कहना है कि सडक पर दौड़ रहे वाहनों के सामने एकाएक पशु आ जाते है, उन्हें बचाने के चक्कर में वाहन चालक चोटिल हो रहे है। नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बाजार में कई बार सांड़ आपस में लड़ते रहते है, यह सांड कई लोगों को घायल भी कर चुके है। जब ये आवारा पशु गोखले मार्ग, सब्जी मंडी में घुसकर अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं और इन्हें भगाने की कोशिश में कई लोग घायल हो जाते हैं। सड़कों के बीचों बीच पशु एकत्रित रहते है। ऐसे में ये कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। मवेशियों के अचानक सामने आ जाने के कारण वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और फिर दुर्घटना होते देर नहीं लगती। उधर, नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त संजय सिंह का कहना है कि काशीरामपुर तल्ला में गौशाला का निर्माण चल रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आवारा पशुओं को गौशाला में शिफ्ट किया जायेगा।
पशु मालिक बेपरवाह
शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं। मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे मवेशियों से उनका कोई नाता न हो। नगर निगम प्रशासन ने लोगों से सड़कों पर न छोड़ने की अपील की है।