न्यूनतम वेतन के लिए धरने पर डटीं आशा कार्यकत्रियां
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने सहित अन्य मांगों को लेकर 31वें दिन बुधवार को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह एक माह से मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है, लेकिन सरकार उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है।
तहसील में आयोजित सभा में यूनियन की दुगड्डा ब्लाक अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि आशाओं का वेतन अभी तक निर्धारित नहीं किया है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। वर्तमान में आशाओं को दो हजार रूपये वेतन दिया जा रहा है, इतने कम वेतन में परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल है। आशा कार्यकत्रियां एक माह से सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है, लेकिन सरकारों के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, सुमन देवी, नीलम कुकरेती, कल्पना काला, पूनम डोभाल, लक्ष्मी गुसांई, राखी रावत, सीमा शाही, ज्योति रावत, सुमित्रा भट्ट, विमला जोशी, मेघा असवाल, प्रीति, अंजू, दीपा, शोभा देवी, विजयलक्ष्मी, राखी रावत, शारदा, मुन्नी नयाल, कांति कंडारी, मीना देवी, सुनीता रावत, संजू नेगी, गोदाम्बरी देवी, कविता नेगी, सरोज जदली, पुष्पा देवी, सुनीता नेगी सहित अन्य आशा कार्यकत्रियां शामिल थे। यां।