हृदय गति रूकने से हुई मौत, आंखे की दान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बाल भारती पब्लिक स्कूल के सह प्रबन्धक 42 साल के कुणाल रावत का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। उनकी दोनों आंखें परिजनों ने दान में दी, जिससे की दो लोगोें के अंधेरे जीवन में उजाला हो सके। समाजसेवी दलजीत सिंह ने बताया कि गिरिराज सिंह रावत ने स्वयं और परिजनों के नेत्रदान का पूर्व में ही संकल्प लिया था। उसी के तहत कुणाल रावत के नेत्रदान का निर्णय लिया गया।
बाल भारती पब्लिक स्कूल के संस्थापक गिरिराज सिंह रावत के कनिष्ठ पुत्र कुणाल रावत का शनिवार को हृदय गति रूकने से निधन हो गया। मृतक के बाद स्वजनों ने कुणाल की आंखों को दान किया। जिससे किसी के अंधेरी जिंदगी में उजियारा होगा। समाज सेवी दलजीत सिंह ने बताया कि मोटाढांग मल्ला निवासी कुणाल (42) वर्ष अपने पिता के साथ विद्यालय की व्यवस्थाओं में अपने पिता का हाथ बढ़ाते थे। शनिवार सुबह अचानक उनके सीने में दर्द होने लगा जिसके बाद स्वजन उन्हें राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार लेकर आए। गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने स्वजनों को उन्हें हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। लेकिन, हायर सेंटर ले जाने से पूर्व ही उनका निधन हो गया। बेटे की मौत के बाद गिरिराज सिंह रावत ने उसकी आंखे दान करने का निर्णय लिया। कुणाल रावत के दो छोटे बच्चे भी हैं। समाज सेवी दलजीत सिंह ने बताया कि नेत्रदान के लिए निर्मल आश्रम आई इन्स्टीट्यूट नेपाली फार्म ऋषिकेश में संपर्क किया गया। निर्मल आश्रम आई इन्स्टीट्यूट की टीम मोटाढाक कोटद्वार पहुंची। बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व कुणाल की चाची की दिल्ली एम्स में मौत हो गई थी। उसे समय भी स्वजनों ने उनका पूरा शरीर दान कर दिया था।
नेत्र दान करने के लिए छह घंटे का समय
1. मृत्यु के छ: घंटे के भीतर आंखे दान की जाती हैं।
2. मृतक की आंखे बंद कर उन पर गीली रूई के फाहे रख दें
3. पंखा बंद कर दें, यदि एसी हो तो चलने दें
4. सिर के नीचे तकिया रख दें
5. नेत्रदान के दौरान कॉर्निया निकाली जाती है, पूरी आंख नहीं निकाली जाती।