बिग ब्रेकिंग

डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस के दाम बढ़ने से सड़कों पर उतरा कांग्रेस का सैलाब

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

केन्द्र व राज्य सरकार की निकाली अर्थी, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में वृद्धि होने पर कांग्रेस ने कोटद्वार में केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कार्यकत्र्ताओं ने देवी रोड स्थित मथुरा वेडिंग से रेलवे स्टेशन तक रैली निकाली और रेलवे मैदान में केन्द्र व राज्य सरकार की अर्थी जलाई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में बेतहासा वृद्धि से सामान्य जन का जीना मुश्किल हो गया है। मूल्य वृद्धि का सीधा प्रभाव दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुओं एवं देश-प्रदेश में मंहगाई बढ़ रही है। जनहित में बढ़े हुए दामों को वापस लेना आवश्यक है। कार्यकर्ताओं ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है।
शनिवार को पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, महापौर श्रीमती हेमलता नेगी के नेतृत्व में देवी रोड स्थित मथुरा वेडिंग से रैली शुरू हुई। रैली देवी रोड, लालबत्ती चौराहा, झण्डाचौक, तहसील परिसर से होते हुए बदरीनाथ मार्ग, गोखले मार्ग, स्टेशन रोड से रेलवे मैदान पर पहुंची। जहां पर कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार की अर्थी को आग के हवाले किया। पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि 70 साल में पहली बार पेट्रोल की कीमतों का आंकड़ा 100 के पार हुआ है और डीजल भी 85 से 90 तक मिल रहा हैं। यूपीए सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल 62 व डीजल 50 के आसपास होता था। दो से चार माह में एक रुपये की बढ़ोतरी होती थी तो भाजपाई सड़कों पर उतर जाते थे। देश में मंहगाई चरम सीमा पर है। रसोई गैस के दाम में भी लगातार बढ़ रहे है। रसोई गैस सिलिंडर का दाम 797 रुपये तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलिंडर पर जो सब्सिडी मिलती थी उसे चुपके से खत्म कर दिया है ताकि जनता को पता न लगे।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि किसान लोकतांत्रिक तरीके से अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलनरत है, लेकिन सरकार तीनों काले कानूनों को वापस लेने की बजाय किसानों का उत्पीड़न कर रही है। किसानों से सार्थ वार्ता कर किसानों की समस्या का तत्काल निस्तारण किया जाय। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आस्टे्रलियन भेड़ खरीद में तीन हजार करोड़ रूपये का घोटाला किया गया है। वहीं श्रम एवं कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष को पद से हटाकर घोटालों पर पर्दा डालकर इतिश्री कर दी है। उक्त दोनों घोटालों की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का झूठा नारा देने वाली राज्य सरकार ने एक महिला का शोषण करने वाले भाजपा के द्वारहाट विधायक महेश नेगी को जेल की सलाखों के पीछे भेजने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डालकर आरोपी विधायक को संरक्षण देने का कार्य किया है। 

महगांई के आक्रोश में मास्क पहनना भूले
कोटद्वार।
शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे से अब भी कुछ लोग बेपरवाह बने हुए हैं। ऐसा ही नजारा शनिवार को कांग्रेस की पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में वृद्धि होने के विरोध में निकाली गई रैली में देखने को मिला। रैली में कई कार्यकर्ता बिना मास्क पहने ही शामिल हुये। इससे ऐसे लगता है कि कार्यकर्ताओं में महंगाई के विरोध में इतना आक्रोश था कि वह मास्क पहनना ही भूल गये। वहीं रैली में शारीरिक दूरी का भी ध्यान नहीं रखा गया। जबकि अभी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है। बावजूद लोगों पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।


शहर में निकाली रैली लगा जाम, यात्री हुए परेशान
कोटद्वार।
केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ शहर के मुख्य मार्गों पर कांग्रेस की ओर से निकाली गई रैली के कारण आम लोगों को इसका नुकसान उठाना पड़ा। शनिवार को लगभग साढ़े 11 बजे से देवी रोड स्थित मथुरा वेडिंग प्वाइंट से रैली शुरू हुई। रैली जहां-जहां से गुजरी वहां जाम लगता रहा। रैली के कारण लालबत्ती चौराहा, झण्डाचौक, बदरीनाथ मार्ग, स्टेशन रोड और देवी रोड पर सड़क के दोनों तरफ चलने वाला वाहनों की आवाजाही रुक गई। लगभग आधा घंटे से भी अधिक समय तक जाम लगा रहा। बदरीनाथ मार्ग पर वाहनों की कतारे लग गई। हालांकि, पुलिस कर्मियों ने जाम से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन वह इसे खोलने में नाकाम रहे। अधिकतर लोगों को पैदल ही अपने घरों की ओर जाना पड़ा। खास बात यह रही कि रैलियां निकालने वाले कार्यकर्ता बीच सड़क में ही चलते रहे। लोगों को इस दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में खासी परेशानी हुई। पुलिस कर्मियों को जाम हटाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों का आरोप है कि यहां पर हर रोज जाम लगता है। इसके लिए कोई स्थाई समाधान नहीं खोजा जा रहा है। इसके अलावा आरोप है कि जब कोई भी पार्टी कार्यकर्ता रैली निकालते है तो इसके लिए कोई ठोस नियम होने चाहिए। सड़क पर जाम लगाने की किसी को भी इजाजत नहीं होनी चाहिए। यदि जाम लगता है तो कार्रवाई होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!