देखरेख के अभाव में कूड़ादान बने कूड़ा, तहसील में टूटा कूड़ेदान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। तहसील परिसर में पूर्व में नगर निगम की ओर से जैविक और अजैविक कूड़ा डालने के लिए कूड़ादान लगाया गया, जो वर्तमान में टूट गया है। आशंका जताई जा रही है शरारती तत्वों ने कूड़ादान का क्षतिग्रस्त किया होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तहसील परिसर में ही कूड़ेदानों की यह हालत है तो मुख्य चौराहों पर रखे कूड़ेदानों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। शिकायत के बाद भी नगर निगम कूड़ेदानों की सुध लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में कैसे शहर को स्वच्छ व स्वस्थ बनाया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
पूर्व में नगर निगम की ओर से नगर निगम कार्यालय के बाहर, कोतवाली, सीओ कार्यालय के बाहर, तहसील परिसर, प्रधान डाकघर के पास सहित अन्य मुख्य चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर जैविक-अजैविक कूड़ा डालने के लिए करीब पचास कूड़ेदान लगाए थे। नगर निगम का कूड़ेदान लगाने का उद्देश्य यह था कि शहर को स्वच्छ रखना था, लेकिन देखरेख के अभाव में अधिकांश कूड़ेदान टूट गये है, जबकि कई चोरी हो गये है। कूड़ेदान टूटने या चोरी होने से मुख्य चौराहों सहित सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। वर्तमान में तहसील परिसर में लगा कूड़ादान टूटा हुआ है। जबकि अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए अधिकांश कूड़ेदान गायब हो गए है। नतीजा सड़कों पर जगह-जगह कूड़ा बिखरा रहता है। स्थानीय निवासी महेश ने बताया कि कूड़ेदान लगने के बाद लोगों को सफाई व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन निगम की लापरवाही के कारण स्थिति पहले जैसे ही हो गई है। शहर में लगाए गए कूड़ेदान कहां गए, इसके बारे में नगर निगम के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आवारा पशु सड़कों के किनारे पड़े कूड़े के ढेर को इधर-उधर फैला देते हैं, जिससे राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नगर निगम प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
उधर, नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि शहर से कूड़ेदान गायब होने की जानकारी नहीं है। इसके लिए अधिनस्थों को जांच के निर्देश दिये जाएंगे। शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने के लिए स्थानीय लोगों को भी आगे आना चाहिए।