दिल्ली पुलिस आयुक्त को मुकैश जैन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को मुकेश जैन पर लगाए गए जुर्माने को वसूलने का निर्देश दिया है। इससे पहले स्वामी ओम ने जैने के साथ मिलकर एक याचिका दायर की थी, जिसको कोर्ट ने पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए खारिज कर दिया था और दोनों के खिलाफ 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को याचिकाकर्ता पर कोर्ट के द्वारा लगाए गए जुर्माने को वसूलने के लिए उचित कदम उठाने को कहा।
स्व-घोषित धर्मगुरु स्वामी ओम और मुकेश जैन ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उस समय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त 2017 को पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया था और आगे इस प्रकार की कोई अन्य याचिका न दायर की जाए, इसको सुनिश्चित करने के लिए याचिकाकर्ताओं पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि एक याचिकाकर्ता स्वामी ओम की मृत्यु हो गई है।
मुकेश जैन ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह आईआईटी रुड़की (हिंदी माध्यम ) से इंजीनियर किया है और वह एल्यूमीनियम का कारखाना चलाता है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (क्पेजतपबज ंदकैमेपवदे श्रनकहम) कटक की 12 जुलाई 2022 की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि कटक जिला पुलिस अधीक्षक ने जैन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी का जमानती वारंट को उसका एड्रेस नहीं मिलने पर वापस कर दिया था। इसके बाद मुकेश जैन ने 25 मई 2022 को दिल्ली में अपने एड्रेस और मोबाइल नंबर के साथ एक हलफनामा दायर किया था।
ऐडिशनल सलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ से कहा कि दिल्ली पुलिस आयुक्त कोर्टे के आदेश को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को उचित कदम उठाने और तीन माह के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 07 नवंबर को होगी।