उत्तराखंड

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की

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हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष सुनील सेठी ने मुख्य सचिव एवं जिलाधिकारी को पत्र लिखकर निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। सुनील सेठी ने कहा कि नए सत्र की शुरूआत होते ही निजी स्कूलों ने अभिभावकों का उत्पीड़न शुरू कर दिया हैं। निजी स्कूल परीक्षा परिणाम के जारी करने के साथ फीस वृद्घि व मनमानी महंगी पुस्तकों की लिस्ट थमा कर अभिभावकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। लकडाउन अवधि की फीस जमा न कर पाने वाले अभिवावकों को उनके बच्चों का रिजल्ट व टीसी देने में आनाकानी कर परेशान कर रहे हैं। सेठी ने बताया कि लकडाउन में आर्थिक तंगी का शिकार हुए अभिभावकों के काफी गुहार लगाने के बाद स्कूल प्रबंधकों ने बच्चों को परीक्षा देने की अनुमति दी। लेकिन अब उन्हें रिजल्ट या टीसी देने में परेशान किया जा रहा है। लकडाउन में सरकार द्वारा राहत देने के बावजूद ट्यूशन फीस एवं बढ़ाई गयी फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ जिन अभिववको को रिजल्ट दिया जा रहा है। उन्हें नए सत्र में बढ़ायी गयी फीस एवं वार्षिक शुल्क के नाम पर लंबी चौड़ी धनराशि की सूची दी जा रही है। मनमानी करते हुए एन सीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिकेशन की महंगी पुस्तके निजी स्कूलों द्वारा एक ही निर्धारित जगह या स्कूल से लेने को बाध्य किया जा रहा है। उन्होंन मांग करते हुए कहा कि मुख्य सचिव एवं जिलाधिकारी को इस संदर्भ में जल्द से जल्द मनमानी करने वाले स्कूलों पर लगाम लगाकर पीड़ित अभिवावकों को न्याय दिलवाना चाहिए। मांग करने वालों में जितेंद्र चौरसिया, नाथीराम सैनी, मुकेश अग्रवाल, सुनील मनोचा, भूदेव शर्मा, धर्मपाल चौधरी, विनोद कुमार, राजेश शर्मा, अमित कुमार, गौरव गौतम, राजेश भाटिया, उमेश कुमार शामिल रहे।

 

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