उत्तराखंड

पेयजल निगम के राजकीयकरण और एकीकृत पेयजल विभाग का गठन करने की मांग की

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बागेश्वर। अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण विभाग ने कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। उन्होंने उत्तराखंड पेयजल निगम को राजकीय घोषित करने और एकीकृत पेयजल विभाग का गठन करने की मांग की। शनिवार को कर्मचारी पेयजल निगम कार्यालय में समक्ष एकत्र हुए। उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। कहा कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए एकल उत्तरदायी विभाग के होने से पेयजल योजनाओं की उपादेया बढ़ेगी। अनावश्यक और अलाभकारी निर्माण की समस्या समाप्त होगी। पेयजल निगम और जलसंस्थान के एकीकरण व राजकीयकरण होने से अधिष्ठान व्यय में कटौती होगी। जल जीवन मिशन कार्यक्रम में विशेष प्रगति नहीं हो पा रही है। एकल उत्तरदायी विभाग नहीं होने के कारण यह स्थिति पैदा हो रही है। पेयजल निगम के कार्मिकों, पेंशनरों को वर्तमान तक वेतन, पेंशन की धनराशि शासन से निर्गत नहीं हो सकी है। कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण कार्य प्रभावित होने के कारण निगम की आय में कमी आई है। जबकि कर्मचारी बेहतर काम कर रहे हैं। अल्प वेतन भोगियों के सामने पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि वह लंबित मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। इस मौके पर पूरन चंद्र पांडे, जयशंकर राणा, कैलाश राणा, कमला देवी, लक्ष्मी देवी, शांति जोशी, चंदन सिंह, नरेंद्र सिंह, मनोज खड़का, भास्कर उपाध्याय, जगदीश पांडे, लीलाधर अंडोला आदि मौजूद थे।

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