विकासनगर। देहरादून जिले में चाय बागानों की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त एक गंभीर मुद्दा है। इस पर रोक के बावजूद विकासनगर तहसील क्षेत्र में प्रतिबंधित जमीन की खरीद फरोख्त जारी है। यहां चार ऐसे मामले सामने आए हैं। चारों मामलों में चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद रजिस्ट्री कराई गई है। ऐसे में तहसील के कार्मिकों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। साल 2023 में जिला प्रशासन ने देहरादून जनपद में चाय बागान की सीलिंग के तहत आने वाली जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी थी। करीब 146 एकड़ जमीन चाय बागान के तौर पर चिहि्नत की गई, जिसकी खरीद फरोख्त पर रोक लगी है, लेकिन रोक के आदेश के बावजूद पछुवादून में ऐसी जमीनों की खरीद फरोख्त धड़ल्ले से जारी है।
इन जमीनों की रजिस्ट्री भी कराई जा रही है। ताज्जुब ये है कि रजिस्ट्री के दौरान जमीन का खसरा नंबर अंकित होने के बावजूद भी इस बात की पड़ताल नहीं की गई कि इस जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगी हुई है। कालसी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता सुमित कुमार ने इसकी शिकायत अपर जिलाधिकारी से की, जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने जांच कराने की बात कही है।
मौजा रसूलपुर में बीते दो साल में हुई चार रजिस्ट्री: जिला प्रशासन ने 16 मई 2023 को चाय बागान सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सात जून 2023, 19 जून 2023, नौ अगस्त 2023 और 26 फरवरी 2024 को अलग अलग रजिस्ट्री कराई गई। जिनमें कुल 1239.87 वर्ग मीटर जमीन की रजिस्ट्री हुई है।विभागीय लापरवाही आई सामने: चाय बागान की सीलिंग की जमीन के खसरा नंबर रजिस्ट्रार कार्यालय में मुहैया कराए गए हैं, जिनकी जांच के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री करने के निर्देश अपर जिलाधिकारी की ओर से दिए गए हैं। रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री से पहले जांच नहीं की गई या किसी ने कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर रजिस्ट्री कराई यह जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन रोक के बावजूद जमीन की रजिस्ट्री होने से संबंधित विभाग की लापरवाही सामने आई है।जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगी है, उनका खसरा नंबर रजिस्ट्रार कार्यालय में दिया गया है। रोक के बावजूद जमीन की खरीद-फरोख्त की गई है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। -जय भारत, एडीएम वित्त एवं प्रशासन