धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथीन का प्रयोग, प्रशासन मौन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रदेश सरकार की ओर से पॉलीथिन के उपयोग पर रोक लगाए जाने के बाद भी कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में इसका धड़ल्लें से इस्तेमाल किया जा रहा है। नगर निगम की ओर से पॉलीथिन बेचने व इनका इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ अभियान नहीं चलने से इनके हौसलें दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। दुकानदारों को भी पता है कि अगर कभी नगर निगम की ओर से अभियान चलाया गया तो वो महज दिखावा ही है। सूत्रों की माने तो नगर निगम की ओर से पिछले एक साल में एक बार भी पॉलीथिन इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के खिलाफ अभियान नहीं चलाया गया है। इसके चलते इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।
पॉलीथिन पर प्रदेश सरकार ने रोक लगाई थी, तब एकाध बार औपचारिकता निभाने के लिए नगर निगम की ओर से अभियान चलाया गया था। कुछ दिन बाद ही पॉलिथीन रोक अभियान ठंड़े बस्ते की योजना बना दी गई। नगर पालिका की ओर से लगातार अभियान नहीं चलने के कारण शहर व ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर दुकानों में पॉलीथिन का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा हैं। दुकानदार बिना किसी भय के पॉलीथिनों में ग्राहकों को सामान डालकर दे रहे हैं।
आमजन भी सुविधा को देखकर उससे होने वाली हानियों के बारे में नहीं सोचता है। पॉलीथिन से पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है। साथ ही उसमें उपस्थित पेट्रोलियम पदार्थ मानव शरीर के लिए सबसे हानिकारक होते हैं। पॉलीथिन में जब सब्जी आदि डालकर ले जाई जाती है तो वो पूरी तरह से संक्रमित हो जाती हैं। उसमें उपस्थित हानिकारक कीटाणु सब्जी पर लग जाते हैं व खाने के समय मनुष्य के पेट में प्रवेश कर जाते हैं। इससे धीरे-धीरे व्यक्ति रोगों की चपेट में आना शुरू हो जाता हैं। साथ ही पॉलीथिन जब तक पर्यावरण में रहती है तो वह दूषित करने का कार्य ही करती हैं। पॉलीथीन की वजह से शहर के सीवरेज जाम होने की मुख्य समस्या बनी हुई हैं। जब कभी भी सीवर जाम होने की सूचना सफाई कर्मचारी को मिलती है उसमें अकसर पॉलीथिन फंसे होने की समस्या ही पाई जाती है। उधर, नगर निगम कोटद्वार के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि पॉलीथिन पर प्रदेश सरकार की ओर से रोक लगाई गई है। अगर कोई दुकानदार या रेहड़ी चालक इसका प्रयोग करता है तो उन पर कानूनन जुर्माना लगाया जाता हैं। शहर में दुकानदार व रेहड़ी चालक पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जायेगी।
पशुओं के लिए घातक पॉलीथिन
कोटद्वार। पॉलीथिन मनुष्य के शरीर पर तो दुष्प्रभाव डालती ही हैं, पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता हैं। सबसे अधिक खामियाजा तो शहर में आवारा घूम रही गायों को भुगतना पड़ता हैं क्योंकि ये अपना पेट भरने के लिए अकसर पॉलीथिन में बांधकर डाले गए खाद्य पदार्थों को पॉलीथीन सहित खा जाती है। यह पॉलीथिन इनके पेट में जमा हो जाता है और पेटदर्द के चलते उनकी मौत तक हो जाती हैं।
शहर की सुंदरता पर लगाती है दाग
कोटद्वार। शहर की सुंदरता पर तो दाग लगाती ही है साथ ही पॉलीथिन मानव, पशुओं के साथ-साथ प्राकृतिक चीजों को काफी हद तक नुकसान पहुंचाती हैं। शहर के सार्वजनिक स्थानों पर पॉलीथिन पड़े हुए मिलते हैं व अवारा पशु इसमें मुंह मारते हुए नजर आते हैं। ये पॉलीथिन हवा के साथ उड़कर गलियों व सड़कों पर फैलकर गंदगी फैलाते रहते हैं। साथ ही गलियों में बहने वाले कूड़े-कचरे को रोककर नालियां अवरुद्ध करते हैं।
बनने से लेकर इस्तेमाल तक पर्यावरण को दूषित करती है पॉलीथिन
कोटद्वार। पॉलीथिन बनाने से लेकर इस्तेमाल तक पर्यावरण को दूषित करने का कार्य करती हैं। पॉलीथिन से विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं, जो व्यक्ति पॉलीथिन का इस्तेमाल रोजाना करते हैं उनको कैंसर जैंसी घातक बीमारी से जूझना पड़ सकता है। आमजन को चाहिए कि पॉलीथिन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। अगर पॉलीथिन को इस्तेमाल करना छोड़ दिया जाए तो यह मानव स्वास्थ्य व प्रकृति दोनों के लिए ही लाभदायक होगी।