धीरेन्द्र प्रताप ने सीएम त्रिवेन्द्र रावत को देश का सबसे असफल मुख्यमंत्री बताया, 2022 चुनाव में भाजपा की लैंसडौन में होगी जमानत जब्त
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केन्द्रीय मुख्य संरक्षक व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। आंदोलनकारियों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र्र ंसह रावत को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों में सबसे असफल और अयोग्य मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि त्रिवेन्द्र रावत के राज में देश के न केवल मैदानी राज्यों बल्कि पर्वतीय राज्यों में भी सबसे पिछले नंबर पर आ रहा है। उन्होंने लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र को उत्तराखण्ड का सबसे पिछड़ा विधानसभा क्षेत्र बताते हुए कहा कि भाजपा के लिए 2022 के चुनाव में जमानत बचाना मुश्किल हो जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में शनिवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि लगातार राज्य सरकार आंदोलनकारियों की अनदेखी कर रही है। विकास के मामले में भी प्रदेश लगातार पिछड़ रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड बेरोजगारी, पलायन व भ्रष्टाचार के मामले में सबसे आगे हो गया है। उन्होंने कहा कि लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। सरकार कांग्रेस कार्यकाल की योजनाओं का श्रेय लेने का काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार आंदोलनकारियों की मांगें उठाए जाने के बावजूद भी सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, गैरसैंण स्थायी राजधानी, दिवंगत चिन्हित आंदोलनकारियों के परिवारों को दस हजार रुपये पेंशन व मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाए समेत अन्य मांगों को लेकर देहरादून में सत्याग्रह किया जाएगा। मांगें पूरी नहीं होने पर 9 नवंबर को आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर मनमोहन असवाल, बलवंत सिंह रावत, सुनीता बिष्ट, कैलाश पंत आदि मौजूद थे।
2022 में डूब जाएगा त्रिवेन्द्र रावत का भ्रष्टाचार का जहाज
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केन्द्रीय मुख्य संरक्षक व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखण्ड को भारत के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में पहले नंबर पर लाने का रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य को एक सुयोग्य नेतृत्व देने में पूरी तरह विफल रहे है। उन्होंने त्रिवेन्द्र सिंह रावत की सरकार के पिछले पौने चार साल के कार्यकाल को निराशा का कार्यकाल बताते हुए कहा कि उन्होंने न केवल नौजवानों के सारे सपने तोड़ दिए है, बल्कि जिन राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण किया उनकी भी सरकार उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता 2022 के चुनाव का इंतजार कर रही है, चुनाव में त्रिवेन्द्र सिंह रावत का भ्रष्टाचार का जहाज डूब जाएगा। धीरेन्द्र प्रताप ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के 2022 विधानसभा चुनाव न लड़ने के फैसले को महज जुमलेबाजी बताते हुए कहा कि वह ना केवल खुद चुनाव लड़ेगें बल्कि अपने परिवार के लोगों को भी चुनाव लड़ायेगें।