डीएम ने की अपील अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें
एसडीएम श्रीनगर ने किया जीवीके बांध स्थल का निरीक्षण
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। चमोली जनपद के तपोवन जोशीमठ रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के साथ ही बैराज डैम टूटने के कारण पानी का बहाव तेज होने के चलते जिला प्रशासन निरन्तर हालातों पर नजर बनाये हुए है। आपदा कंट्रोल रूम पौड़ी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन, एसडीआरएफ तथा जीबीके की टीमें भी अलर्ट है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस घटना के प्रति घबराने की जरूरत नहीं है। अफवाहों की ओर बिल्कुल भी ध्यान न दें।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने उपजिलाधिकारियों व रेखीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने घटना का अलर्ट होते ही संबंधित अधिकारियों को नदी तट पर रह रहे लोगों को दूर सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने श्रीनगर, श्रीकोट, व्यास घाट, स्वर्गाश्रम सहित नदी तट स्थलों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि मंदिरों में रह रहे संतो को भी वहां से दूर सुरक्षित स्थान पर ले जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस घटना के प्रति लोगों को जागरूक करें। जिससे लोग इसके प्रति सचेत रह सके।
उपजिलाधिकारी श्रीनगर रविंद्र बिष्ट ने बताया कि श्रीकोट, श्रीनगर व कीर्तिनगर में नदी के किनारे रह रहे लोगों को घरों से सुरक्षित स्थानों पर निकलने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि नदी के किनारे मजदूर लोगों को भी वहां से हटा लिया गया है। लगातार तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन लोगों को जागरूक करने पर लगा है और साथ ही नदी तट क्षेत्रों में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्णप्रयाग रुद्रप्रयाग में जल स्तर काफी कम हो गया है। जिससे लोगों को इसके प्रति घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने बताया कि वाहन में लगे साउंड के माध्यम से लोगों को घर से दूर निकलने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। उप जिलाधिकारी बिष्ट ने जीवीके बांध स्थल का निरीक्षण करते हुए वहां मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि नदी का जल स्तर बढ़ने तक अलर्ट रहे। साथ ही उन्होंने वहां कार्य कर रहे मजदूरों को भी हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जी0वी0के0 में तैनात टीम पानी का मॉनिटरिंग कर रही है, जैसे ही जल स्तर बढ़ने लगेगा तो डेम के गेट खोल कर धीर-धीरे पानी को खाली करेंगे। जिससे क्षेत्र में कोई नुकसान न हो।