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यातायात नियमों का उल्लंघन करने में दून सबसे

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देहरादून। भले ही यातायात नियमों के पालन कराने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार जागरूकता के प्रयास कर रही हो लेकिन कई लोग नियमों को लेकर संजीदा नहीं हैं। राजधानी दून में कई लोग प्रेशर हॉर्न और रेट्रो साइलेंसर प्रयोग कर यातायात नियम तोड़ रहे हैं। वहीं, हरिद्वार में लोग वाहनों को मोडीफाई करने और रेट्रो साइलेंसर लगाने में दूसरे नंबर पर हैं। नैनीताल जिले में लोग वाहनों में प्रेशर हॉर्न का प्रयोग कर रहे हैं। यातयात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में पुलिस ने मोडिफाइड, रेट्रो साइलेंसर, हॉकिंग और प्रेशर हॉर्न प्रयोग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया।
इसके तहत कुल 5358 चालान में से मोडिफाईड, रेट्रो साइलेंसर के 2793 चालान हुए और 259 वाहन सीज किए गए। इस तरह हॉकिंग और प्रेशर हॉर्न प्रयोग करने पर 2565 वाहनों के चालान किए गए और 144 वाहनों को सीज किया गया। पुलिस अफसरों के अनुसार मोडिफाईड, रेट्रो साइलेंसर के मामले सर्वाधिक दून में पकड़े गए जिसमें दून पुलिस ने 1411 वाहनों के चालान और 113 सीज किए। दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिला है जहां 787 वाहनों के चालान और 90 वाहन सीज किए गए।
हॉकिंग और प्रेशर हॉर्न प्रयोग करने में भी दूनवासी आगे हैं जबकि दूसरे नंबर पर नैनीताल है। दून पुलिस ने 689 चालान, नैनीताल पुलिस ने 671 चालान और हरिद्वार पुलिस ने 388 चालान किए। यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। स्कूली छात्रों समेत अन्य लोगों को भी यातायात नियमों को लेकर जागरूक किया जा रहा है। दोपहिया वाहन चलाते समेत लोग आईएसआई मार्का का हेलमेट जरूर पहनें। कार चलाते वक्त सीट बैल्ट जरूर लगाएं। ताकि हादसों को रोका जा सके।
उत्तरकाशी में प्रेशर हॉर्न पर एक चालान
उत्तरकाशी में पुलिस ने प्रेशर हॉर्न का एक मामला पकड़ा है जबकि पौड़ी में आठ, चमोली में ग्यारह, चंपावत में 19, अल्मोड़ा में 28, बागेश्वर में 30, पिथौरागढ़ में 31 मामलों, में वाहनों के चालान हुए हैं।

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