सूखे और गीले कूड़े से बढ़ेगी पंचायतों की आय : सचिन
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के अंतर्गत विकासखंड कोट की न्याय पंचायत पोखरी के फलस्वाडी गांव में ग्राम पंचायत विकास योजना, ई ग्राम स्वराज पोर्टल, पंचायत एप्लीकेशन मिशन, ई वेस्ट मैनेजमेंट के विषय में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिन कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने हिटिंग मैनेजमेंट के द्वारा सूखे कूड़ा की ईट बनाकर ज्वालापुर हरिद्वार में रीसाइक्लिंग प्लांट में भेजने को कहा। उन्होंने बताया कि सहारनपुर जिले में नगर पालिका क्षेत्र में गीले कूड़े में केमिकल मिलाकर उसे लिक्विड पदार्थ में तब्दील कर किचन गार्डन में डालने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस तरह से सूखे कूड़े एवं गीले कूड़े के प्रबंधन से पंचायतों की आय बढ़ रही है।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष प्रयास स्वयं सेवी संस्था डाकपत्थर हरपाल सिंह पंवार ने ग्राम पंचायत के विकास की गाथा के इतिहास को बताते हुए कहा कि पूर्व में छोटे-छोटे गणराज्य होते थे जिनके अंतर्गत सर्वसम्मति से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत सरपंचों का चुनाव होता था। कालांतर में विदेशी सत्ता के स्थापित होने के कारण लोकतंत्र के स्थान पर तानाशाही राज्य की अवधारणा स्थापित हुई तथा तानाशाही राजतंत्र स्थापित हुआ। देश में स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत पंचायतों के चुनाव 1952 में सीधे जनता के द्वारा हाथ उठाकर चुनाव किया गया, 1952 में बैलेट पेपर से चुनाव हुआ, 1960, 1970 एवं 1981 में चुनाव प्रक्रिया पंचायत राज व्यवस्था के अंतर्गत कराई गई। पंचायत राज अधिनियम की स्थापना हेतु सरकार के द्वारा अशोक मेहता समिति की सिफारिश के अनुसार 1993 में 73वां संशोधन अधिनियम लागू कर किया गया। इस अवसर पर पूरन सिंह नेगी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत विकास योजना के बारे में बताया। कार्यक्रम में सरोज रावत, कुसुमलता, नागेंद्र कुकरेती, भारती कुकरेती, अमर भट्ट, हेमंत सिंह, मेघा रावत, नीलम भट्ट, रजनी देवी, रूपा देवी, सूरज रावत, मोहित सिंह, कमला देवी, राकेश चंद्र भट्ट आदि मौजूद थे।