जोशीमठ-औली सड़क पर दरार आने से पैदल मार्ग धंसा, देवग्राम में भी कई मकानों में आईं दरारें
जोशीमठ। नगर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों में नई दरारें फिर आने लगी हैं। यहां जोशीमठ-औली सड़क पर नई दरार आ गई है। इसके अलावा मनोहर बाग वार्ड में पैदल रास्ता धंस गया है जिसने नगर के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। जोशीमठ में मनोहर बाग वार्ड में ही जनवरी महीने में सबसे पहले दरार आई थी। यहां से शुरू हुई दरारें सिंहधार वार्ड तक बढ़ गई थीं। अब फिर मनोहर बाग वार्ड में जोशीमठ-औली सड़क पर दरार आ गई है। मनोहर बाग वार्ड में ही नगर पालिका की ओर से बनाया गया पैदल रास्ता भी धंसने लगा है।
उर्गम घाटी के देवग्राम में कई साल से भूस्खलन हो रहा है जिससे मलखोला, भलखोला, गीरा व बासा तोक के कई मकानों में दरार आई हैं। बरसात में लोग इन्हीं दरार वाले घरों में रहने के लिए मजबूर हैं जिससे यहां हर समय खतरा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में दरारें बढ़ रही हैं। घरों के ढहने का खतरा बना है। देवग्राम के प्रधान देवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रशासन ने सर्वे के बाद भी यहां कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से भूस्खलन क्षेत्र में शीघ्र सुरक्षा के उपाय कराने की मांग की।
देवाल-खेता मानमती सड़क लोनिवि के लिए चुनौती बन गई है। 12 गांवों की लाइफ लाइन 16 दिन बाद भी नहीं खुल पाई है। अब इस क्षेत्र के लोगों के आने जाने के लिए लगभग दो किलोमीटर पैदल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। सुयालकोट की चट्टान में तीन सौ मीटर में दरारें आने से यहां लगातार मलबा गिर रहा है। सड़क खोलने के लिए लोनिवि ने जेसीबी लगाई है लेकिन बार-बार मलबा आने से यहां सड़क खोलना लोनिवि के लिए चुनौती बना है।
विधायक भूपालराम टम्टा ने कहा कि फिलहाल इस सड़क को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। यहां पर क्या स्थायी समाधान हो सकता है इसके लिए अधिकारियों से भी बात की जा रही है। फिलहाल लोगों के आने जाने के लिए विधायक निधि से पैदल मार्ग बनाने को कहा गया है। नगर में बरसात के बाद भू स्खलन और जमीन में गड्ढे बनने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। रविवार रात को हुई बारिश से सिंहधार जाने वाले रास्ते का पुस्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा खेतों में भी दरार बढ़ रही है।
बरसात ने नगर के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फिर से हलचल शुरू कर दी है। बरसात शुरू होने के बाद से ही नगर में लगातार दरार आने, गड्ढे होने और भूस्खलन के मामले सामने आ रहे हैं। जब भी तेज बारिश हो रही है नगर के किस न किसी हिस्से में पुस्ता या रास्ता टूट रहा है। अभी तक गनीमत यह है कि नई दरार आने के मामले सामने नहीं आए हैं। जो पहले की दरार आई हैं वही चौड़ी हो रही हैं। लेकिन नई जगह पर गड्ढे होने के मामले जरूर आ रहे हैं। इससे प्रभावितों में दहशत बनी हुई है।