बिग ब्रेकिंग

ईडी ने भी शुरू की रजिस्ट्रार ऑफिस फर्जीवाड़े की जांच, 100 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। रजिस्ट्रार ऑफिस में फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गया है। ईडी ने एसआईटी से इस मामले में दर्ज सभी सात मुकदमों का विवरण मांगा है। बताया जा रहा है कि यह मामला 100 करोड़ रुपये से भी ऊपर का हो सकता है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका है। जल्द ही ईडी इस प्रकरण में एक अलग मुकदमा दर्ज कर सकती है।
गत 15 जुलाई को जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर शहर कोतवाली में इस प्रकरण से संबंधित मुकदमा दर्ज किया गया था। जालसाजों के एक गिरोह ने रजिस्ट्रार कार्यालय में रखी जिल्दों में छेड़छाड़ कर बैनामों में फर्जीवाड़ा किया था। शुरुआत में चार जमीनों से संबंधित दस्तावेज में छेड़छाड़ पाई गई, लेकिन बाद में जब जांच हुई तो 50 से अधिक बैनामों में इस तरह का फर्जीवाड़ा पाया गया। पुलिस ने जांच शुरू की और वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी समेत नौ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।
इस बीच पता चला है कि इस मामले की शुरुआत सहारनपुर में रखे रिकॉर्ड से हुई थी। वहां से ही रजिस्ट्री बनाकर देहरादून में भेजी गई थीं। इन्हें यहां के स्थानीय अधिवक्ताओं के माध्यम से रिकॉर्ड में चढ़वाकर दूसरे लोगों को बेचा गया। इसमें करोड़ों रुपये के वारे न्यारे हुए। अब तक पुलिस 20 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जीवाड़े का पता लगा चुकी है। यह एक अकेले अधिवक्ता इमरान के माध्यम से जालसाजी कर कमाए गए थे।
इस मामले में शुरुआत में ही पुलिस की ओर से ईडी को पत्र लिखा गया था। इसके क्रम में ईडी ने भी अब जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच के लिए ईडी की ओर से पुलिस को एक पत्र लिखा गया है। इसमें अब तक दर्ज हुए सातों मुकदमों का ब्योरा मांगा गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ईडी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। एसआईटी अब तक की कार्रवाई और गिरफ्तारी का ब्योरा ईडी को भेजने जा रही है।
इस मामले में जल्द ही पुलिस की ओर सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने जा रही है। इसके तहत पुलिस गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) में कार्रवाई करेगी। इस धारा के अंतर्गत आरोपियों की अपराध करने के समय से लेकर गिरफ्तारी तक की संपत्तियों की जांच की जाती है। इसके बाद इसे प्रशासन के माध्यम से जब्त किया जाता है। मसलन, यदि इस अपराध की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई तो इन आरोपियों की वर्ष 2019 से अब तक की सारी संपत्तियां जांच के दायरे में आएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!