ईडी ने राहुल गांधी से की दूसरे दिन भी मैराथन पूछताछ, कांग्रेस ने कहा- विपक्ष के नेता का उत्पीड़न कर रही सरकार
नई दिल्ली। कांग्रेस के भारी विरोध और सियासी संग्राम के बीच ईडी ने राहुल गांधी से लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की। ईडी की पूछताछ को कांग्रेस ने विपक्ष के नेता का राजनीतिक बदले की भावना से उत्पीड़न करार देते हुए दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के दोनों मुख्यमंत्रियों राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल, पार्टी के तमाम सांसदों, कार्यसमिति के सदस्यों से लेकर कार्यकर्ताओं ने राहुल के समर्थन में सड़क पर पुलिस से संघर्ष किया और इन सभी को हिरासत में लिया गया।
ईडी ने राहुल से सोमवार को दो चक्र में लगभग 11 घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार को फिर आने का समन थमा दिया था। राहुल दूसरे दिन ईडी दफ्तर जाने से पहले सुबह 10रू30 बजे छावनी में तब्दील हो चुके कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पहुंचे जहां अशोक गहलोत और भूपेश बघेल समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता ईडी के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ धरना दे रहे थे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी राहुल के साथ मौजूद थीं। नेताओं-कार्यकर्ताओं के जोश और संघर्ष का जज्बा देख मुस्कुराते हुए राहुल वहां से ईडी दफ्तर रवाना हुए तो कांग्रेस नेता भी उनके साथ चलने लगे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने गहलोत, बघेल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल से लेकर तमाम नेताओं को रोक लिया। ईडी दफ्तर पहुंचने के सारे रास्तों पर सुरक्षाकर्मियों की फौज खड़ी थी और कांग्रेसी नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर अलग-अलग पुलिस थानों में भेज दिया गया।
राहुल गांधी सुबह 11रू05 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे। चार घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद करीब 3़30 बजे राहुल लंच के लिए बाहर निकले और अपने सरकारी आवास गए। करीब एक घंटे बाद 4़30 बजे वग फिर ईडी दफ्तर पहुंच गए। समाचार लिखे जाने तक उनसे पूछताछ चल रही थी।
कांग्रेस ने इससे पहले सबेरे ही राहुल से की जा रही लंबी पूछताछ को राजनीतिक दमन करार दिया। पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेस में ईडी को भाजपा का इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट करार दिया। इसको लेकर चार सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर राहुल ही भाजपा के निशाने पर क्यों? क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का षड़यंत्र है ईडी की कार्रवाई? क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्ना सेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं? और भाजपा सरकार हजारों करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च कर, अपने 40-50 मंत्री लगा व मीडिया पर दबाव डालकर केवल राहुल गांधी के खिलाफ ही इतनी ज्यादा हमलावर क्यों है?
उपरोक्त सवालों का खुद जवाब देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस की एकजुटता और राहुल की बुलंद आवाज से डर गई है। जब चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया और हमारे जवान शहीद हुए तो प्रधानमंत्री ने कहा श्न कोई घुसा है, न कोई आया है।श् तब राहुल ही विपक्ष के अकेले नेता थे जिन्होंने सरकार को इस झूठ पर घेरा।
सुरजेवाला ने कहा कि अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाए जाने, देश में फैलाई जा रही नफरत का विरोध करने से लेकर महंगाई से परेशान मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा लोगों, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में राहुल आवाज उठाते हैं जो सरकार को रास नहीं आ रही। इससे बौखला कर ही मोदी सरकार ईडी के जरिए राहुल की निर्भीक और सत्य की आवाज पर हमला बोल रही है, लेकिन कांग्रेस न इससे डरेगी, न झुकेगी, बल्कि लड़ेगी।