एकता कलश यात्रा पहुंची पौड़ी, किया भव्य स्वागत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। माँ गंगा के उदगम स्थान गंगोत्री से एकता कलश में गंगा जल भरकर एकता कलश यात्रा हर्षिल, उत्तरकाशी, टिहरी, देवप्रयाग होते हुए बुधवार को पौड़ी मुख्यालय में गोल्ज्यू देवता के रूप में भगवान कंडोलिया देवता के मंदिर में पूजा पाठ किया गया। पौड़ी पहुंचने पर कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद कलश यात्रा श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, नगरासू, रतूड़ा, कर्णप्रयाग के लिए रवाना हुई। उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच द्वारा आगामी एक सितंबर को खटीमा स्थित शहीद स्थल पर शहीदों का सपना साकार होना कितना जरूरी विषय पर खुली विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
मंच के अध्यक्ष ने कहा कि हड़ताल के कारणों की समीक्षा हो और चिन्हित कारणों के लिए जवाबदेही तय की जाय। संवादशून्यता, वादाखिलाफी और तानाशाही को हड़ताल का प्रमुख कारण मानते हुए मंच का दावा है कि जिस दिन इन कारणों के लिए उत्तरदायियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का प्रावधान हो जायेगा उस दिन से हड़तालों की स्थिति पर पूर्ण विराम लगाना शुरू हो जायेगा। उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने बताया है कि एकता मंच का उदय ही शहीदों के सपने को साकार करने के लिए हुआ है। मंच विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही हेतु मुखर है और जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने के रूप में आवाज दो हम एक हैं के नारे को धरातल पर साकार करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि आवाज दो हम एक हैं के जिस नारे की ताकत से हमने उत्तराखंड राज्य हासिल किया अब उसी नारे को धरातल पर साकार कर राज्य में विकास के लिए जवाबदेही तय करायी जायेगी। मंच का मानना है कि बिना एकता के जवाबदेही तय नहीं की जा सकती है इसीलिए 30 अगस्त से अल्मोड़ा स्थित गोलयू मन्दिर से जवाबदेही के लिए एकता का शंखनाद करते हुए एकता यात्रा निकाली जा रही है। इस मौके पर रेवती डंगवाल, प्रेमचंद ध्यानी, जसपाल सिंह रावत, राजपाल सिंह बिष्ट, दीपक गैरोला, दीपक कोठारी, जयदीप रावत, सीताराम पोखरियाल, संजय नेगी, कुलदीप रावत, सोहन सिंह रावत, कुलदीप राणा, महेश गिरि, जसपाल गुसाईं, सौरभ नौटियाल, श्रीकृष्ण उनियाल, मानवेन्द्र बत्र्वाल, नरेंद्र नेगी, रणजीत गुसाईं, कुलदीप भण्डारी, महादेव मैठाणी, सौम्या ढौंडियाल आदि उपस्थित रहे।