कोटद्वार-पौड़ी

जयन्ती पर हरि प्रसाद टम्टा को याद किया 

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शैल शिल्पी विकास संगठन के तत्वाधान में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत मुंशी हरि प्रसाद टम्टा की 134वीं जयन्ती धूमधाम के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में बिन्दुखता हल्द्वानी प्रकरण में जातिगत उत्पीड़न एवं अमर्यादित व्यवहार करने पर अभी तक सामान्य जाति की महिला पर कार्यवाही न होने पर रोष व्यक्त किया गया।
सिम्मलचौड़ स्थित संगठन के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन के संयोजक विकास कुमार आर्य ने हरिप्रसाद टम्टा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीचन अनुसूचित जाति के अधिकारों एवं हकों के लिए सदैव संघर्ष करता रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में शिल्पकार समाज के मानवीय अधिकारों को दिलाने में सार्थक भूमिका निभाई। अनुसूचित जाति-जन जाति शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश महामंत्री अनूप कुमार पाठक ने कहा कि हरिप्रसाद टम्टा का जीवन हमारे लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगा। उनके संघर्षमय जीवन और शिल्पकार समाज के लिए किया गया योगदान आज नवयुवकों और समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अल्मोड़ा में समता समाचार पत्र का संपादन भी किया। सन् 1932 में पूना एक्ट समझौता में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का पूरा समर्थन किया। विनीता भारती ने हरिप्रसाद टम्टा के जीवन के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने हरिप्रसाद टम्टा के बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन करने की सराहना करते हुए कहा कि हरिप्रसाद टम्टा की बहन ने सन् 1930 में उत्तराखण्ड की प्रथम स्नातक होने का गौरव हासिल किया। उन्होंने कहा कि संगठन ही वो ताकत है, जो हर समाज को मजबूत बना सकता है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से संगठन से जुड़ने का आह्वान किया। इस मौके पर अनिल कुमार, सतेन्द्र खेतवाल, विनोद कुमार, हर्षकुमार, अरविन्द कुमार आदि उपस्थित रहे।

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