राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण को रोकने के लिए चुनाव आयोग हुआ सख्त, उठाया ये कदम
नई दिल्ली, एजेंसी। ओमिक्रोन की आहट के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी है लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। यानी चुनाव घोषणा के साथ ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांचों राज्यों में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है। 15 जनवरी को आयोग फिर से तय करेगा कि चुनाव प्रचार का तौर तरीका क्या होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान की शुरूआत 10 से होगी और सात मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। सभी राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजनीति में बढ़ते आपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए उन्होंने अहम कदम उठाए हुए है। जिसमें राजनीतिक दलों को उम्मीदवार तय करने के 48 घंटे के भीतर उनके क्रिमिनल रिकार्ड को सार्वजनिक करना होगा। साथ ही यदि किसी दागी को उम्मीदवार बनाया है तो उसे यह भी बताना होगा कि क्यों उन्होंने इसे उम्मीदवार बनाने की फैसला लिया। राजनीतिक दलों को यह सारी जानकारी टीवी और समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने के साथ ही पार्टी की अधित वेबसाइट के मुख्य पृष्ट पर अपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के रुप में प्रदर्शित करना होगा। आयोग का मानना है कि इस मुहिम से लोगों खुद ही तय करेंगे कि उन्हें किसे वोट देना या नहीं देना है।
चुनावों की घोषणा के साथ ही आयोग ने सभी पांच राज्यों में चुनावी सभाओं, रैलियां, रोड़ शो, जुलूस, नुक्कड सभाओं आदि पर तुंरत प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही राजनीतिक दलों से कहा है कि वह अब वर्चुअल और डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार करें। आयोग ने फिलहाल 15 जनवरी तक के लिए यह प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कहा है कि 15 जनवरी के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और तात्कालिक स्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। घर- घर प्रचार के दौरान प्रत्याशी सहित सिर्फ पांच व्यक्तियों को ही शामिल होने की इजाजत होगी। सुरक्षा कर्मी इससे अलग होंगे। वहीं चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को भी अधिकतम दो लोगों के साथ ही सर्टिफिकेट के लिए आने की अनुमति होगी।
चुनाव प्रचार से जुड़े आयोग के अन्य दिशा-निर्देश
– स्टार प्रचारकों की संख्या घटेगी। राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल अब 40 की जगह सिर्फ 30 लोगों को ही स्टार प्रचारक बना सकेंगे, जबकि गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी अब 20 की जगह 15 लोगों को ही स्टार प्रचारक बना सकेंगे।
– कोई विजय जुलूस नहीं निकलेगा। विजयी प्रत्याशी सिर्फ दो लोगों के साथ ही प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।
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– यदि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन का उल्लघंन करता है, उसे आगे किसी और रैली या सभा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कुछ इस तरह रहेंगे इतंजाम
चुनाव आयोग ने कोरोना के दौरान मतदान केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़े निर्देश दिए है। जिसमें चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही बूथ पर शारीरिक दूरी को ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही इसके लिए वालेंटियर की तैनाती की जाएगी। साथ ही बूथ के अंदर जो भी कर्मचारी और सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे सभी वैक्सीन के दोनों डोज लिए हुए होंगे। बूथ के अंदर एजेंट आदि को जाने की अनुमति नहीं होगी। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनीटाइजर जरूरी होगी। सभी चुनावकर्मियों के लिए ग्लब्स अनिवार्य होगा। मतदान केंद्रों में जाने और आने का अलग-अलग रास्ता होगा।