सेना के आधुनिकीकरण पर जोर, नए सीडीएस ने तीनों रक्षा बलों से एकीत थिएटर कमांड बनाने के लिए कहा
नई दिल्ली, एजेंसी। सात महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्घ ने सभी प्रमुख देशों को फिर से जंग के लिए रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है। इसीलिए देश की सुरक्षा चिंताओं को लेकर नए सीडीएस अनिल चौहान ने पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नक्शेकदम पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तीनों रक्षा बलों के साथ अपने पहली बातचीत में नए चीफ अफ डिदेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीत थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा है।
नए सीडीएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ तीन अक्टूबर को जोधपुर का दौरा भी करेंगे, जिसमें भारतीय वायुसेना में हल्के लड़ाकू हेलीकप्टर को शामिल किया जाएगा, जो कि उनका नया कार्यालय संभालने के बाद दिल्ली के बाहर उनकी पहली यात्रा होगी। ज्ञात हो कि चीफ आफ डिदेंस स्टाफ का पद 2019 में बनाया गया था। अगले युद्घ लड़ने में मदद करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष जनादेशों में से एक था। इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना को संयुक्त रूप से एकीत थिएटर कमांड बनाना था।
इस बारे में सरकारी सूत्रों ने बताया कि सीडीएस ने रक्षा बलों को थिएटर कमांड बनाने पर आगे बढ़ने के लिए कहा है, जो उनका प्राथमिकता क्षेत्र होगा। इस मुद्दे पर पहले ही बहुत सारी चर्चा हो चुकी है और अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं ने थिएटर कमांड के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के लिए व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ संयुक्त रूप से कई अध्ययन भी किए हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्ववर्ती दिवंगत जनरल बिपिन रावत भी तीनों सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस और चुस्त लड़ाकू इकाइयों में बदलने पर जोर दे रहे थे। पहले की योजनाओं के अनुसार एक समुद्री थिएटर कमांड के साथ पश्चिमी और पूर्वी भूमि आधारित कमानों का निर्माण किया जाना था। एयर डिदेंस कमांड भी बनाई जानी थी। इसके लिए फिलहाल लद्दाख क्षेत्र को कुछ समय के लिए छोड़ देन की योजना थी, जहां चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है।