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भारतीय नौसेना में जल्द शामिल होगा फ्रांसीसी राफेल या अमेरिकी एफ-18, टेस्ट रिपोर्ट का हो रहा मूल्यांकन

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नई दिल्ली, एजेंसी। हिंद महासागर और अरब महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती के बीच भारतीय नौसेना अपने आप को मजबूत करने के लिए लगातार कदम बढ़ा रही है। इसी कड़ी में नौसना 26 लड़ाकू विमानों को खरीदने के लिए योजना बना रही है। इसके लिए 5 अरब अमरीकी डालर का टेंडर जारी किया गया है। इसके लिए भारतीय नौसेना मुख्यालय द्वारा फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल और अमेरिका के एफ -18 विमानों के व्यापक परीक्षणों की रिपोर्ट का मूल्यांकन किया जा रहा है।
कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में देश में बने नवीनतम विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को कमीशन किया था। इस पर लड़ाकू विमानों को तैनात करने के लिए नौसेना द्वारा सरकार से सरकार के सौदे के तहत इन्घ्हें खरीदने की योजना है। इस बारे में सरकारी सूत्रों ने बताया कि फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल और अमेरिका एफ-18 दोनों के लिए गोवा में एक नौसेना टीम द्वारा व्यापक परीक्षण किया गया था। उनकी रिपोर्ट नौसेना मुख्यालय के पास है। इसके लिए अंतिम शर्टलिस्टिंग के लिए तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों का मूल्यांकन यह देखने के लिए हो रहा है कि नौसेना की आवश्यकताओं के तकनीकी विशेष विवरण को पूरा करता है या नहीं। अमेरिकी विमान लगभग एक लाख टन वजन के वाहक के लिए बनाए गए हैं, जबकि फ्रांस का लड़ाकू राफेल 60,000 टन आकार के वाहक के लिए बनाए गए हैं। नौसेना के पास मिग-29 के हैं, जो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से संचालित होते हैं। मिग-29 का उनके पास बहुत मजबूत सेवा क्षमता रिकर्ड नहीं है। उनकी संख्या केवल एक कैरियर (वाहक) के लिए पर्याप्त मानी जाती है।
टेस्ट रिपोर्ट प्रतियोगिता के विजेता का निर्धारण करेगी, जिसके तहत पहले लगभग 57 विमानों को खरीदने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब इसे घटाकर केवल 26 कर दिया गया है। पिछली बार जब इन दोनों विमानों ने भारतीय टेंडर में भाग लिया था, तब टेंडर का फ्रांसीसी लड़ाकू राफेल विजेता बनकर उभरा था लेकिन तकनीकी मुद्दों के कारण यह सौदा पूरा नहीं हो सका था।
हालांकि, पिछले सौदे के अंतिम चयन के आधार पर सरकार 36 राफेल लड़ाकू विमानों को हासिल करने में सफल रही, जिन्घ्हें पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में चीन के खिलाफ तैनाती के दौरान एक बड़ी भूमिका निभाई। अब अमेरिका का रक्षा विभाग यह दावा करता रहा है कि उसने पिछली टेंडर प्रतियोगिता की तुलना में लड़ाकू विमान के प्रदर्शन और क्षमताओं में बड़े पैमाने पर सुधार किया है। उसका कहना है कि एफ -18 विमान भारतीय नौसेना की सभी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

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