36 घंटे बाद भी कार्की हत्याकांड के आरोपी नहीं हुए गिरफ्तार
रुद्रपुर। 36 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस भाजपा नेता संदीप कार्की की हत्या के आरोपियों तक नहीं पहुंच पायी है। हालांकि पुलिस ने घटना को लेकर अपनी तफ्तीश जारी रखी है। पुलिस ने परिजनों को भी भरोसा दिया है कि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं, सीएम के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कार्की के परिजनों से मुलाकात की।
शांतिपुरी नंबर तीन में शनिवार को भाजपा नेता की हत्या के बाद पुलिस ने दोपहर बाद ही आरोपी ललित मेहता और दीपू मेहता के चार परिजनों को हिरासत में ले लिया था। देर रात मामले में आरोपी बनाये गये पिता मोहन सिंह मेहता को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। लेकिन, ललित और दीपू का रविवार देर रात तक भी सुराग नहीं लगा था। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिये परिजन और भाजपा नेता लगातार पुलिस व प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं। उधर, भाजपा कार्यकर्ताओं के एक शिष्टमंडल ने पूर्व मंडल अध्यक्ष बिशन सिंह मेहरा के नेतृत्व में पंतनगर में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने सीएम से शांतिपुरी आने का अनुरोध किया। लेकिन सीएम धामी ने समय अभाव के चलते स्वयं न आकर अपने प्रतिनिधि के तौर पर देर सायं कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए शांतिपुरी भेजा।
देर शाम बहुगुणा शांतिपुरी पहुंचे और परिवार को आरोपियों को जल्द से जल्द उचित सजा दिलाने का भरोसा दिया। उन्होंने कार्की की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया। परिवार की नाराजगी को लेकर मंत्री ने मौके पर मौजूद सीओ अमित भारद्वाज को आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने शांतिपुरी में होने वाले अवैध खनन पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने की बात कही। इस दौरान पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा कार्यकर्ता घनानंद तिवारी, संदीप की मां राधिका देवी, पत्नी प्रीति कार्की, भाई जगधीर सिंह, किशन सिंह, अर्जुन सिंह, प्रधान रोहित तिवारी आदि मौजूद रहे।
खनन स्थलों पर पसरा सन्नाटा- शांतिपुरी में कार्की हत्याकांड के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने व सभी स्वीत खनन पट्टों की नये सिरे से पैमाइश कर परिसीमन कराने के निर्देश दिये थे। जिसके चलते रविवार को क्षेत्र के सभी खनन पट्टों पर पूर्णरूप से सन्नाटा पसरा रहा। यहां खनन क्षेत्र में सभी जगहों पर दूर-दूर तक अवैध रूप से खोदे गये रेता बजरी व मिट्टी के ढेरों के सिवाय कोई भी नजर नहीं आया।