अस्पताल और डक्टरों पर सभी की नजर, सरकार की छवि का रखें ख्याल : ड़ धन सिंह
देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री ड़ धन सिंह रावत ने कहा कि अस्पताल और डक्टरों पर सभी की नजर है। ऐसे में पुरस्कार की गरिमा बनाए रखें और सरकार की छवि का भी ख्याल रखें। गुरुवार को आईटीडीए अडिटोरियम में स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के 144 अस्पतालों को कायाकल्प पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न श्रेणी में पुरस्कार पाने वाले सीएमओ, अस्पतालों के अधीक्षक और डक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से कहा कि इलाज और मरीजों की सुविधाओं पर फोकस करें। रावत ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को देश में 2025 तक टप थ्री में लाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी मेडिकल कलेज व जिला अस्पतालों को इसी साल एनएबीएच प्रमाणित कराना है। अगले साल सभी उपजिला अस्पताल व 2027 तक सभी पीएचसी के लिए यह लक्ष्य है। इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, राजपुर रोड विधायक खजानदास, एमडी एनएचएम स्वाति भदौरिया, डीजी विनीता शाह, निदेशक ड आशुतोष सयाना आदि ने विचार व्यक्त किए।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत – ड आर राजेश कुमार
सचिव स्वास्थ्य ड आर राजेश कुमार ने अवार्ड पाने वाले सभी अस्पतालों व डक्टरों को बधाई दी और कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कायाकल्प इसी सोच को आगे ले जाने का काम करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह से अस्पतालों के बीच एक प्रतियोगी भावना विकसित होगी और इससे मरीजों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने अस्पतालों में हेल्थ हाईजीन और बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल पर विशेष फोकस करने को कहा। सचिव ने कहा कि आज हम इलनेस से वेलनेस की ओर बढ़ रहे हैं और इसमें अस्पतालों की अहम भूमिका है। उन्होंने सभी को टारगेट ओरिएंटेड एप्रोच लेकर चलने को कहा और मरीज के साथ ही अस्पताल का भी ध्यान रखने को कहा।
कोरोनेशन में मिलेगी एमआरआई की सुविधा
विधायक खजानदास ने कोरोनेशन अस्पताल में एमआरआई की सुविधा शुरू करने की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा कि कोरेनेशन को जल्द एमआरआई मशीन दी जाएगी। इससे यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
कोरोनेशन व जेएलएन अस्पताल श्रेष्ठ जिला अस्पताल
राज्य के जिन 144 अस्पतालों को अवार्ड दिए गए उनमें देहरादून के कोरोनेशन व यूएस नगर के जेएलएन अस्पताल को श्रेष्ठ जिला अस्पताल का अवार्ड दिया गया। इन दोनों ही अस्पतालों को 25- 25 लाख रुपए के चौक दिए गए। इसके अलावा अस्पतालों के रखरखाव, स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, इंफेक्शन कंट्रोल, हाईजीन, पेशेंट फीडबैक के तहत अलग अलग अस्पतालों को कुल दो करोड़ के चौक वितरित किए गए।