केंद्र सरकार पर लगाया सैनिक व पूर्व सैनिकों की अनदेखी का आरोप
कहा देख की रक्षा करने वालों की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार पर देश की रक्षा में तैनात वीर सैनिक व पूर्व सैनिकों की अनदेखी का आरोप लगाया। कहा कि पूर्व में कई बार समस्याओं को उठाने के बाद भी सरकार लापरवाह बनी हुई है। ऐसे में अब पूर्व सैनिकों ने एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह रावत के नेतृत्व में पूर्व सैनिक हिंदू पंचायती धर्मशाला में एकत्रित हुए। यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पूर्व सैनिक तहसील परिसर में पहुंचे। इसके उपरांत पूर्व सैनिकों ने तहसील के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मोहन सिंह दिवाकर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में सैन्य अधिकारियों व अन्य पदों की पेंशन बढ़ोत्तरी में अलग-अलग मानक निर्धारित किए गए हैं। जबकि, सभी एक ही परिस्थतियों व परिवेश में काम करते हैं। सरकार को सभी अधिकारियों की पेंशन में एक ही मानक तय करना चाहिए। इसके अलावा पूर्व सैनिक विधवाओं व वीरांगनाओं को सर्विस पेंशन के अनुसार विधवा पेंशन देने, जवान व अधिकारी को एक समान विकलांगता पेंशन देने सहित अन्य मांग की गई है। साथ ही वेतन/पेंशन निर्धारण के लिए गठित कमेटी में अन्य पदों के प्रतिनिधित्व की भी मांग उठाई गई। प्रदर्शन करने वालों में डीएस रावत, जनार्दन बुड़ाकोटी, सुभाष कुकरेती, देवेंद्र बिष्ट, गोपाल सिंह, प्रमोद सिंह, रणजीत सिंह, प्रेम सिंह, कुबेर जलाल आदि मौजूद रहे।