चीनी उत्पादों के आयात को कम करने की कवायद शुरू
नई दिल्ली, एजेंसी। चीन से तैयार माल के आयात को कम करने की सरकारी कवायद शुरू हो गई है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इसके तहत आगामी बजट में चीन से आने वाले कई तैयार माल के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जा सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पिछले एक साल से चीन से आने वाले लेदर उत्पाद, जूता-चप्पल, कपड़े, श्रृंगार के सामान, प्लास्टिक के छोटे-छोटे आइटम जैसी कई वस्तुओं के आयात पर नजर रख रहा है और इनकी गुणवत्ता से लेकर आयात की बिलिंग तक की सख्त जांच की जा रही है।
सीबीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल अप्रैल से चीन से आने वाली तमाम वस्तुओं पर सख्त नजर रखी जा रही है। अप्रैल से लेकर अब तक चीन से आने वाली वस्तुओं की कई खेप को गुणवत्ता व अन्य मामले में बुक किया गया है और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि चीन से होने वाले कुल आयात में 85 फीसद हिस्सेदारी कच्चे माल की होती है। सिर्फ 15 फीसद ही तैयार माल का आयात होता है। निर्यात होने वाली वस्तुओं को तैयार करने के लिए कच्चे माल की जरूरत होती है और विकल्प के तैयार होने तक यह आयात जारी रह सकता है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इस साल एक फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छाता, इलेक्ट्रनिक्स खिलौने के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों के साथ आपरेशन में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरणों, सोलर से जुड़े कई आइटम के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। छाता पर आयात शुल्क को 10 से 20 फीसद किया गया ताकि चीन से इसके आयात को कम किया जा सके और घरेलू छाता निर्माता को प्रोत्साहित किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक वैसे ही आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश होने वाले बजट में भी चीन से आयात होने वाले कई आइटम पर शुल्क में बढ़ोतरी जी जा सकती है। सभी आयातित वस्तुओं का मानक भारतीय मानक ब्यूरो के हिसाब से अनिवार्य किए जाने के बाद चीन से तैयार वस्तुओं के आयात पर फर्क पड़ रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक इस साल अक्टूबर में चीन में से होने वाले आयात में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 9़73 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी।
पशुओं को आवारा छोड़ने वालों से वसूला एक लाख का जुर्माना
देहरादून। नगर निगम ने दुधारू पशुओं को आवारा स्थिति में छोड़ने वालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी ड डीसी तिवारी ने बताया कि इस माह अब तक करीब एक लाख रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग दुधारू पशुओं सुबह शाम दूध निकालने के बाद उन्हें आवारा स्थिति में छोड़ देते हैं, जिससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। साथ ही वाहनों की टक्कर लगने से पशुओं के चोटिल होने की भी संभावना बनी रहती है। ऐसे में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ निगम चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है। दुधारू पशुओं का पंजीकरण नहीं करवाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।