उत्तराखंड

भूस्खलन से क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत न होने से काश्तकारों में रोष

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रूद्रप्रयाग : जखोली की ग्राम पंचायत त्यूंखर में दो वर्ष पूर्व हुए भारी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए सम्पर्क मार्गों की मरम्मत नहीं होने पर काश्तकारों ने रोष जताया है। काश्तकारों ने शासन प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि भले ही जिला प्रशासन द्वारा आपदा से क्षतिग्रस्त काश्तकारों के खेत, खलिहानों व आवासीय भवनों का अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान का फौरी तौर पर आर्थिक मदद दी गयी थी, लेकिन आपदा के चलते गांव के जिन-जिन तोकों में सम्पर्क पैदल मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गये थे, उन क्षतिग्रस्त मार्गों में से केवल तीन ही पैदल मार्गों की मरम्मत हो पायी है, जबकि त्यूंखर गांव के खेन्जवा बस्ती में जहां 15 परिवार रहते हैं, आपदा के चलते लगभग 20 मीटर पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। वहां इन परिवारों के मवेशियों व स्वयं चलने का यही एक मात्र रास्ता है, जिस स्थान पर यह रास्ता क्षतिग्रस्त हो रखा है। उस जगह से लोग जान जोखिम में डालकर आना जाना करते हैं। ग्रामीणों में शरत सिंह पंवार, बलवीर पंवार, गम्भीर सिंह पंवार, गीता देवी आदि का कहना है कि आपदा के दो साल बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन ने इस क्षतिग्रस्त रास्तों को बनवाने की जरूरत नहीं समझी। वहीं दूसरा क्षतिग्रस्त रास्ता त्यूंखर गांव के ही पहड़ नामी तोक में है, वहां भी कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि भी जनता की सुध नहीं लेते हैं, केवल चुनाव के समय ही नेताओं को जनता की याद आती है। प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से शीघ्र सम्पर्क रास्तों के मरम्मत करने की मांग की है। (एजेंसी)

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