संतान प्राप्ति को 185 दंपति रखेंगे खड़े दिये का व्रत
कमलेश्वर मंदिर में आयोजित किया जाएगा बैकुंठ चुतर्दशी पर्व
जयन्त प्रतिनिधि
श्रीनगर गढ़वाल। अराध्य देव भगवान कमलेश्वर से संतान प्राप्ति के लिए बुधवार को लगने वाले बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए 185 दंपति संतान प्राप्ति के लिए खड़े दिये की रश्म अदा करेंगे। इसके लिए कमलेश्वर मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी को लेकर पूरी तैयारियां मंदिर के मंहत आशुतोष पुरी महाराज एवं पुजारियों ने पूर्ण कर दी है। सरकार एवं नगरपालिका की ओर से बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर कमलेश्वर मंदिर को सजाने व संवारने के लिए इस बार कोई मदद न किये जाने से मंदिर प्रबन्धन एवं पुजारी वर्ग ने नाराजगी भी जाहिर की है।
कमलेश्वर मंदिर के मंहत 108 आशुतोष पुरी महाराज ने कहा कि वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बुधवार को कमलेश्वर मंदिर में बकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जायेगा। निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए यहां खड़े दिये की रश्म अदाकर पुत्र की प्राप्ति का वर भगवान कमलेश्वर से मांगते हैं। इस साल विभिन्न राज्यों से 185 दंपतियों ने यहां खड़े दिये की रश्म के लिए पंजीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि संतान प्राप्ति के साथ ही कमलेश्वर मंदिर में परिवार की सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए भी घी की बत्तियां देने की रश्म की जाती हैं। उन्होंने कहा कि 365 बत्तियां देकर भगवान कमलेश्वर से परिवारजनों की सुख-समृद्धि की कामना की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी 17 नवम्बर को सुबह नौ बजे से 18 नवम्बर सुबह 11 बजे तक रहेगी। इस दौरान भक्तजन अपना अनुष्ठान कर सकते हैं। महंत आशुतोष पुरी महाराज ने कहा कि इस बार सरकार एवं नगरपालिका की ओर से पहली बार मंदिर को संजाने एवं संवारने कोई मदद नहीं की। जिस पर समाजसेवी मोहन काला की ओर यहां मदद की जा रही है। जबकि विशेष भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। मंदिर में पर्व को लेकर पुजारी जगदीश नैथानी, प्रकाश चन्द्र खंखरियाल, दीपक लखेड़ा, राहुल नौडियाल, प्रेमानंद मैठानी, मुकेश चमोली, गोवर्धन गिरी, आनंद प्रकाश नौटियाल, दीपक उनियाल आदि लोगों द्वारा सहयोग किया जा रहा है।