वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया चिदंबरम के आरोप का करारा जवाब, कहा- यूपीए के दस साल के मुकाबले मोदी काल में विकास पर हुआ दोगुना खर्च
नई दिल्ली, एजेंसी। विकास पर होने वाले खर्च पर पूर्व वित्त मंत्री पी़ चिदंबरम के आरोप का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया है। आरबीआइ के हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए सीतारमण ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन काल (2014-22) में विकास पर 90,89,233 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जबकि वर्ष 2004-14 के दौरान यूपीए के शासन काल में विकास के मद में 49़2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।कांग्रेस नेता चिदंबरम में हाल ही में एक ट्वीट कर कहा था कि वर्ष 2014-2021 में मोदी सरकार ने फ्यूल टैक्स के रूप में 26़5 लाख करोड़ रुपए की वसूली की जबकि सरकार की तरफ मुफ्त अनाज, महिलाओं को दी जाने वाली नकद राशि, पीएम किसान और अन्य नकद ट्रांसफर के मद में 2,25,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च नहीं किए गए जो फ्यूल टैक्स के रूप में केंद्र की तरफ से वसूली गई राशि से कम है।
सीतारमण ने चिदंबरम के इस आरोप के जवाब में बताया कि मोदी काल में विकास के मद में 90़9 लाख करोड़ रुपए जो खर्च किए गए, उनमें 26 लाख करोड़ से अधिक इंफ्रास्ट्घ्र्क्चर के आधुनिकीकरण पर पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च किए गए। 90़9 लाख करोड़ रुपए के इस खर्च में खाद्य, खाद व फ्यूल सब्सिडी के 25 लाख करोड़ रुपए तो स्वास्थ्य, शिक्षा और सस्ते मकान जैसे सामाजिक सेवा के मद में खर्च होने वाले 10 लाख करोड़ भी शामिल है।
आरबीआइ के आंकड़ों का हवाला देते हुए सीतारमण ने बताया कि यूपीए के 10 साल के शासनकाल में सब्सिडी पर सिर्फ 13़9 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए। सीतारमण ने कहा कि मोदी शासन काल में विकास में 90़9 लाख करोड़ रुपए खर्च करने के अलावा सरकार ने 93,685़68 करोड़ रुपए यूपीए काल में लिए गए अयल बांड के बकाए को भी चुकाया।
यूपीए काल की तेल कंपनियों की उधारी के रूप में वर्ष 2026 तक सरकार को अभी 1़48 लाख करोड़ और चुकाना है। सीतारमण ने कहा कि इससे साफ हो गया होगा कि फ्यूल टैक्स के रूप में वसूले गए राजस्व का इस्तेमाल विकास खर्च में किया गया, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व वित्त मंत्री इन आंकड़ों की पड़ताल नहीं कर पाए।