दस खाद्य कारोबारियों पर लगाया 6 लाख 43 हजार का जुर्माना
निर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी न्यायालय ने सुनाया फैसला
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : मिथ्या छाप, अधोमानक खाद्य पदार्थ की बिक्री, बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थों की बिक्री तथा खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए निर्धारित स्वच्छता मानकों का पालन नहीं करने पर दस खाद्य कारोबारियों पर न्याय निर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी ईला गिरि के न्यायालय ने 6 लाख 43 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
जिला अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन पौड़ी एएस रावत ने बताया कि विभाग की ओर से न्याय निर्णायक अधिकारी के न्यायालय में 10 वाद दायर किए गए थे। न्याय निर्णायक अधिकारी ने इन मामलों में फैसला सुना दिया है। उन्होंने बताया कि दो अलग-अलग स्थानों से हिन्दुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड, अन्धेरी (ईस्ट) मुम्बई द्वारा निर्मित रेड लेवल नेचुरल केयर चाय के नमूने लेकर खाद्य विश्लेषक रुद्रपुर को भेजे गए। जांच में नमूने मिथ्या छाप (मिस ब्रांडेड) घोषित किए गए। न्याय निर्णायक अधिकारी ने खाद्य पदार्थों के मिथ्या छाप पाए जाने पर संबंधित कंपनी पर 01-01 लाख रुपये का जुर्मा ना लगाया। उन्होंने बताया कि अमूल गोल्ड होमोनाइज्ड स्टैन्डराइज्ड पैकेट बंद दूध का नमूना जांच में अधोमानक (सब स्टैंडर्ड) पाया गया। इसमें खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों के तहत निर्धारित वसा की मात्रा कम पाई गई। न्याय निर्णायक अधिकारी ने संबंधी कंपनी पर दो लाख रूपये अर्थदंड लगाया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने पौड़ी बाजार की एक दुकान से विक्ट्री धनिया पाउडर का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। जांच में नमूना अधोमानक मिला। जिस पर न्यायालय ने धनिया पाउडर पैकिंग करने वाली कंपनी जीएल एग्रो कॉरपोरेशन गुजरात और मार्केटिंग करने वाली कंपनी गंगाराम लालूदास पटेल गुजरात को 35-35 हजार रुपये जुर्माना देने के आदेश दिए। जबकि संबंधित दुकानदार के बिल प्रस्तुत न करने पर उस पर 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। रावत ने बताया कि सात खाद्य कारोबारियों पर बिना खाद्य लाइसेंस बिक्री करने और साफ-सफाई न होने पर एक लाख 73 हजार रूपये अर्थदंड लगाया गया। उक्त समस्त खाद्य कारोबारियों को आदेश प्राप्ति के 15 दिन के भीतर जुर्माने की धनराशि न्याय निर्णय अधिकारी पौड़ी के पक्ष में चेक अपना ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।